उत्तरकाशी के धराली गांव से 190 लोगों को बचाया गया : धामी
रंजन रंजन देवेंद्र
- 06 Aug 2025, 09:12 PM
- Updated: 09:12 PM
उत्तरकाशी, छह अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि उत्तरकाशी के धराली गांव से 190 लोगों को बचा लिया गया है, जो खीर गंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में जल आपदा से आई अचानक बाढ़ की चपेट में आ गया था।
‘पीटीआई वीडियो’ से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेलोंग घाटी के रास्ते गंगोत्री धाम में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सभी तैयारियां कर ली गई हैं और उन्हें बहुत जल्द निकाल लिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कल हुई घटना के बाद, वहां से 190 लोगों को (अब तक) बचा लिया गया है। वे सभी ठीक हैं और सुरक्षित स्थानों पर हैं।’’
धामी ने कहा, ‘‘घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जबकि कुछ को सैन्य शिविरों और उच्च केंद्रों में भेजा गया है।’’
मंगलवार को धराली में आई अचानक बाढ़ में पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
धामी ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी यहीं डेरा डाले हुए हूं। जब तक सभी बचाव कार्य सुचारू रूप से नहीं हो जाते, मैं यहीं रहूंगा और हर चीज़ पर नज़र रखूंगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास प्राकृतिक आपदा से प्रभावित धराली गांव को व्यवस्थित करना होगा। उन्होंने कहा कि गांव के प्रत्येक व्यक्ति तक मदद पहुंचाई जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड से हम सभी प्रभावित लोगों के साथ खड़े हैं - जिन लोगों को नुकसान हुआ है, या जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है - सरकार, भाई और परिवार के रूप में। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने मुझे बताया है कि केंद्र, सेना और अन्य सभी सहायता प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।’’
धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र की पहली प्राथमिकता प्रत्येक व्यक्ति को बचाना और प्रभावित व्यक्तियों को हर संभव सहायता प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। उन्होंने कहा, ‘‘पहाड़ों में सड़कें बनाना कोई आसान काम नहीं है। यह एक कठिन काम है। हमारा प्रयास है कि इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।’’
धामी ने कहा कि घटनास्थल पर कई फुट ऊंचा मलबा जमा हो गया है और इसे हटाना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन राज्य सरकार और उसके सभी विभाग केंद्र, सेना, बीआरओ (सीमा सड़क संगठन), आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस), एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की मदद से इस कार्य को पूरा करेंगे।’’
जल आपदा से हुए भूस्खलन ने धराली जाने वाली मुख्य सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है, जहां मंगलवार को कई लोग फंस गए और कई घर और कार पानी के तेज बहाव में समा गयीं। हर्षिल स्थित नजदीकी शिविर के ग्यारह सैन्यकर्मी लापता लोगों में शामिल हैं।
केरल के मूल निवासी 28 सदस्यीय पर्यटकों का एक समूह भी इस आपदा की चपेट में आकर लापता हो गया है।
धराली का कम से कम आधा हिस्सा कीचड़, मलबे और पानी के तेज बहाव में दब गया। यह गांव गंगोत्री जाने वाले रास्ते का मुख्य पड़ाव है, जो गंगा का उद्गम स्थल है, और यहां कई होटल एवं होमस्टे है।
भाषा रंजन रंजन