अभिषेक बनर्जी ने अमेरिकी शुल्क को लेकर केंद्र की आलोचना की, इसे ‘कूटनीतिक विफलता’ बताया
सिम्मी रंजन
- 07 Aug 2025, 04:28 PM
- Updated: 04:28 PM
(फाइल फोटो के साथ जारी)
कोलकाता, सात अगस्त (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र पर बृहस्पतिवार को तीखा हमला करते हुए इसे ‘‘कूटनीतिक विफलता’’ करार दिया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर ‘‘अपनी त्रुटिपूर्ण विदेशी नीति के जरिए’’ अर्थव्यवस्था को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र को यह जवाब देना चाहिए कि इतना अधिक शुल्क क्यों लगाया गया।
बनर्जी ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए नयी दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘सवाल उन लोगों से पूछे जाने चाहिए जो (अमेरिकी राष्ट्रपति) डोनाल्ड ट्रंप के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप के लिए प्रचार करने वालों से इस बारे में सवाल किए जाने चाहिए। यह शुल्क भारत की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करेगा। यह एक कूटनीतिक विफलता है।’’
लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नवनियुक्त नेता बनर्जी ने कहा कि कभी अपने ‘‘56 इंच के सीने’’ का बखान करने वाली भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को अब दूसरे देश ‘‘लाल आंखें’’ दिखा रहे हैं।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के तौर पर पांच देशों में गया था लेकिन कुल मिलाकर 11 देशों ने भी पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा नहीं की। कुछ लोगों ने ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार किया था और उन्होंने (ट्रंप ने) भी कोविड-19 के प्रकोप से दो महीने पहले भारत आकर उन लोगों के लिए प्रचार किया था। वे लोग ही यह बेहतर बता सकते हैं कि अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क क्यों लगाया।’’
उन्होंने कहा कि न तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और न ही तृणमूल ने कभी ट्रंप के लिए पैरवी की।
बनर्जी ने अपने तेवर और तीखे करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह एक कूटनीतिक विफलता है और भारत को इसका कड़ा जवाब देना चाहिए। जो लोग भारत को कमजोर करना चाहते हैं और दबाव बनाना चाहते हैं वे अचानक इतने शक्तिशाली कैसे हो गए? क्या यही वह ‘विश्वगुरु’ की छवि है जो उन्होंने लोगों के सामने रखी है?’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मृत हो चुकी है। मैं इस बयान से सहमत नहीं हूं लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत खराब है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था को खत्म करने की ताकत किसी में नहीं है। यह 140 करोड़ भारतीयों के प्यार और स्नेह पर टिकी है लेकिन मैं कह सकता हूं कि अर्थव्यवस्था अब आईसीयू में है। पिछले 10 साल में यह बद से बदतर हो गई है और 50 प्रतिशत शुल्क लगाने से बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो जाएंगी। निर्यात कम हो जाएगा और यह सब भारत सरकार की खराब विदेश नीति की वजह से है।’’
डायमंड हार्बर से सांसद ने कहा कि शुल्क वृद्धि से तीन प्रमुख क्षेत्र - आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी), औषधि एवं कपड़ा उद्योग- सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आईटी, औषधि और कपड़ा-इन तीन क्षेत्रों से संबंधित वस्तुओं और सेवाओं पर इसका समग्र प्रभाव पड़ेगा। रोजगार के अवसरों में कमी आएगी।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले सप्ताह घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त बुधवार को भारत पर रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत शुल्क और लगा दिया जिससे भारत पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है और यह अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक शुल्कों में से एक है।
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘2019 में पुलवामा हमला हुआ और बदले में सरकार ने हवाई हमला किया। फिर पांच साल बाद पहलगाम हुआ और फिर से हवाई हमले किए गए। हम एक अनंत चलने वाले चक्र में फंसे हुए हैं और इसे हमेशा के लिए खत्म करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर इसका कोई समाधान है तो वह यह है कि हम पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) को वापस लें और पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब दें। इससे निपटने का कोई और रास्ता नहीं है।’
बनर्जी ने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने सदन में कहा कि पीओके हमारा अभिन्न अंग है। फिर आपको इसे वापस लेने से क्या रोक रहा है? आपको कोई नहीं रोक रहा। देश की जनता आपके साथ है। सभी विपक्षी दल इस लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।’’
भाषा
सिम्मी