बकाया भुगतान को लेकर हरियाणा में निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना की सेवाएं निलंबित
राखी नरेश
- 07 Aug 2025, 06:07 PM
- Updated: 06:07 PM
चंडीगढ़, सात अगस्त (भाषा) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की हरियाणा शाखा ने राज्य सरकार द्वारा पैनल में शामिल निजी अस्पतालों के बकाया भुगतान में विलंब का मुद्दा उठाते हुए बृहस्पतिवार को आयुष्मान भारत योजना के तहत दी जा रही स्वास्थ्य सेवाएं निलंबित करने की घोषणा की।
हरियाणा में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत आईएमए से जुड़े करीब 650 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं। यह योजना केंद्र सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जाता है।
आईएमए ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि लंबित भुगतान नहीं किया गया तो सात अगस्त से राज्य में योजना के तहत उपचार रोक दिया जाएगा।
आईएमए के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को हुई बैठक के बाद हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल ने उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी।
हालांकि, आईएमए हरियाणा के सचिव डॉ. धीरेंद्र के. सोनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार निजी अस्पतालों को प्रतिपूर्ति का भुगतान करने में विफल रही है
उन्होंने कहा, “सरकार स्वयं यह स्वीकार कर रही है कि 490 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है। जब तक यह राशि वितरित की जाएगी, तब तक भुगतान के लिए और राशि लंबित हो जाएंगी। ऐसे में निजी अस्पताल क्या करें? अगर समय पर भुगतान नहीं मिलेगा तो वे अपनी सेवाएं कैसे जारी रख पाएंगे?”
सोनी ने बताया कि बुधवार को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी लेकिन वह अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाई।
उन्होंने कहा कि बीते कई महीनों से भुगतान में हो रही देरी के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया गया था।
बैठक के बाद आईएमए की हरियाणा इकाई ने आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के साथ वर्चुअल बैठक की और सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया कि सात अगस्त की मध्यरात्रि से सेवाएं निलंबित कर दी जाएंगी।
इससे पहले मंगलवार को राज्य सरकार ने कहा था कि सूचीबद्ध अस्पतालों के दावे निपटाए जा रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने बुधवार को आईएमए प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनकी चिंताओं को सुना।
एक सरकारी बयान में कहा गया कि राजपाल ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पैनल में शामिल निजी अस्पतालों को भुगतान कर रही है और लंबित मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बैठक के दौरान, राजपाल ने प्रतिनिधिमंडल की बात धैर्यपूर्वक सुनी तथा चिकित्सा जगत के समक्ष आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया।
उन्होंने आईएमए से आग्रह किया कि वे सेवा स्थगन के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें, क्योंकि इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
राजपाल ने कहा, “हम आपकी चिंताओं को समझते हैं और उनका समाधान कर रहे हैं। लेकिन इस समय हड़ताल से उन हजारों गरीब मरीजों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा जो इस योजना पर निर्भर हैं।”
सरकार का कहना था कि हरियाणा राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) द्वारा मई 2025 के पहले सप्ताह तक जमा किए गए दावों का भुगतान कर दिया गया है।
वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक (16 जुलाई तक) राज्य और केंद्र सरकार से कुल 240.63 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जिसे पात्र दावों के निपटान में उपयोग किया गया है।
भाषा राखी