कुलगाम में आतंकवाद रोधी अभियान: कठिनाइयों का सामना कर रहे ग्रामीणों ने पुनर्वासित करने की मांग की
राखी पवनेश
- 07 Aug 2025, 06:19 PM
- Updated: 06:19 PM
श्रीनगर, सात अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवाद-रोधी अभियान बृहस्पतिवार को सातवें दिन भी जारी रहा। इस बीच, अखल गांव के लोगों ने अभियान के कारण उत्पन्न कठिनाइयों का हवाला देते हुए सरकार से उन्हें कहीं ओर स्थानांतरित करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने दावा किया है कि लगातार गोलीबारी के कारण वे न तो सो पा रहे हैं और न ही उनके पास अब पर्याप्त भोजन बचा है।
मुठभेड़ स्थल के पास रह रहे ग्रामीण मुबारक खांडे ने कहा, “पिछले सात दिन से भारी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। रात भर गोलियां चलती हैं और बमबारी होती है। अब घरों में राशन की भी किल्लत हो गई है।”
खांडे ने यह बताते हुए कि क्षेत्र की महिलाएं और बच्चे बेहद डरे हुए हैं दावा कि लगातार गोलीबारी और धमाकों के कारण वे 'मानसिक समस्याओं' से ग्रस्त हो गए हैं।
सरकार से उन्हें कहीं और स्थानांतरित करने के इंतजाम की अपील करते हुए खांडे ने कहा, “हम पिछले सात दिनों से सो नहीं पाए हैं। बच्चे जागते रहते हैं और रोते रहते हैं। दवाइयों और राशन की किल्लत हो गई है।”
खांडे ने बताया कि इस इलाके में रह रही खानाबदोश आबादी के पास भी अनाज समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, '' गुज्जर समुदाय के लोगों ने हमें कॉल किया... उनके पास राशन नहीं है,"
हालांकि ग्रामीणों ने गांव के नंबरदार और चौकीदार की सराहना की जो गांव की शुरुआत से देखभाल कर रहे हैं।
खांडे ने कहा, “नंबरदार साहब अपने घर से लोगों को राशन दे रहे थे लेकिन अब वह भी किल्लत का सामना कर रहे हैं।”
गांव के एक अन्य अधिकारी शेख महबूब ने सरकार से गांव में पेयजल और राशन की किल्लत को दूर करने की अपील की।
उन्होंने कहा, “हम पानी और दवाइयों की कमी का सामना कर रहे हैं। हम सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई) विभाग से अनुरोध करते हैं कि हमारे लिए पानी की व्यवस्था की जाए। सुरक्षा बल अपना कार्य कर रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही गोलीबारी बुज़ुर्गों और बच्चों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।”
महबूब ने उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) का आभार जताया जिन्होंने गांव में एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई।
स्थानीय निवासी शीराजा अख्तर ने कुलगाम के उपायुक्त से मदद की गुहार लगाई।
उन्होंने कहा, “हम उपायुक्त से अपील करते हैं। हम गरीब हैं और कई तरह की किल्लतों का सामना कर रहे हैं। कृपया हमारी मदद करें क्योंकि हम अनेक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। कई लोग यहां से जा चुके हैं और कुछ घर खाली पड़े हैं। कृपया हमें यहां से पुनर्वासित करें।”
यह आतंकवाद-रोधी अभियान एक अगस्त को कुलगाम के अखल वन क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद शुरू किया गया था। अब तक दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं, जबकि कई सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।
सुरक्षाबल आतंकवादियों को ढूंढने के लिए ड्रोन, हेलिकॉप्टर और अन्य निगरानी उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं।
यह इस साल कश्मीर घाटी में अब तक का सबसे लंबा आतंकवाद विरोधी अभियान है।
भाषा राखी