बंदी प्रत्यक्षीकरण अर्जी पर सुनवाई से पहले लड़की की मौत के मामले में पिता, चाचा गिरफ्तार
पारुल सुरेश
- 07 Aug 2025, 06:28 PM
- Updated: 06:28 PM
पालनपुर, सात अगस्त (भाषा) गजुरात में 18 साल की एक लड़की की मौत से जुड़े मामले की जांच के दौरान उसके पिता और चाचा को गिरफ्तार किया गया है। पिछले महीने उच्च न्यायालय में इस लड़की के लिव-इन पार्टनर की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई से कुछ दिन पहले उसकी मौत हो गई थी। एक पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
दांता संभाग के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सुमन नाला ने बताया कि लड़की के लिव-इन पार्टनर हरेश चौधरी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बुधवार को उसके पिता सेंधभी पटेल तथा चाचा शिवरामभाई पटेल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।
नाला ने बताया कि लड़की के चाचा को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसका पिता फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “लड़की चौधरी से प्यार करती थी। दोनों ने एक लिव-इन समझौते पर दस्तखत भी किए थे, जो सेंधाभाई और उसके भाई को मंजूर नहीं था। इसलिए दोनों ने 24 जून को लड़की को बेहोश करने के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उन्होंने पुलिस को बताए बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।”
बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अक्षयराज मकवाना ने पिछले हफ्ते लड़की की मौत की जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने बनासकांठा के थराड तालुका के वडगामडा गांव के रहने वाले चौधरी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए यह कदम उठाया था।
शिकायत में चौधरी ने आरोप लगाया था कि लड़की के रिश्तेदारों ने उसकी हत्या कर दी, क्योंकि वे उनके रिश्ते के खिलाफ थे और उसकी शादी किसी और से कराना चाहते थे।
बुधवार को दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, पहले से ही शादीशुदा है चौधरी ने लड़की को थराड कस्बे से पालनपुर तक लिफ्ट दी थी, जिसके बाद उसे उससे प्यार हो गया था। चौधरी का एक बेटा भी है।
दांता संभाग के एएसपी नाला के अनुसार, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि चौधरी ने लड़की को अपनी शादी के बारे में बताया था या नहीं।
मई में दोनों भागकर अहमदाबाद पहुंचे थे, जहां उन्होंने लिव-इन रिश्ते से जुड़े औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद वे मध्यप्रदेश और राजस्थान चले गए।
हालांकि, 12 जून को थराड पुलिस और लड़की के एक रिश्तेदार ने दोनों को राजस्थान के एक होटल में ढूंढ निकाला।
लड़की को उसके चाचा शिवरामभाई को सौंप दिया गया, जबकि चौधरी को कच्छ जिले के भचाऊ में मद्य निषेध अधिनियम के तहत दर्ज एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
चौधरी को 21 जून को जेल से बाहर आने के बाद पता चला कि लड़की ने 17 जून को इंस्टाग्राम पर उसे दो बार संदेश भेजा था, जिसमें उसने अपने रिश्तेदारों के हाथों मारे जाने या किसी और से शादी कराए जाने का डर जाहिर किया था।
चौधरी के अनुसार, वह पहले इन संदेशों को पढ़ नहीं पाया, क्योंकि उस समय वह जेल में था।
चौधरी ने कहा कि संदेश पढ़ने के बाद उसने अपने वकील से संपर्क किया, जिन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर लड़की को अदालत में पेश किए जाने का अनुरोध किया।
हालांकि, सुनवाई से ठीक दो दिन पहले 25 जून को चौधरी को पता चला कि लड़की की 24 जून की रात को मौत हो गई और अगली सुबह उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
प्राथमिकी के मुताबिक, बाद में पुलिस की जांच में पता चला कि लड़की के पिता और चाचा ने उसे इस डर से मारने का फैसला किया कि वह एक बार फिर शिकायतकर्ता के साथ भाग सकती है।
एएसपी नाला ने कहा, “जांच में पाया गया कि 24 जून की रात को जब लड़की थराड के दांतिया गांव में शिवरामभाई के घर पर थी, तो उसे नींद की गोलियां मिला दूध पिलाया गया। जब वह बेहोश हो गई, तो सेंधभी और शिवरामभाई ने उसका गला घोंट दिया। उन्होंने अपना अपराध छिपाने के लिए अगली सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया।”
भाषा पारुल