राहुल गांधी के देशव्यापी ‘मतदाता धोखाधड़ी’ के दावे सही, प्रधानमंत्री इस्तीफ़ा दें : सिद्धरमैया
रंजन रंजन धीरज
- 07 Aug 2025, 09:31 PM
- Updated: 09:31 PM
बेंगलुरु, सात अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल के लोकसभा चुनावों में व्यापक ‘मतदाता धोखाधड़ी’ का सबूतों के साथ पर्दाफाश किया है। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस्तीफे की मांग की।
सिद्धरमैया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पुख्ता सबूतों के साथ यह उजागर किया है कि हाल के लोकसभा चुनावों में पूरे भारत में बड़े पैमाने पर वोटों की चोरी हुई थी।
उन्होंने लिखा, ‘‘भारी जनाक्रोश के बावजूद, मोदी चुनावी धोखाधड़ी के जरिए ही सत्ता में लौटे। राहुल गांधी द्वारा आज जारी किए गए दस्तावेज इसका स्पष्ट प्रमाण हैं।’’
सिद्धरमैया ने मांग की, ‘‘नरेन्द्र मोदी निर्वाचन आयोग का दुरुपयोग करके, वोट चुराकर और सत्ता का दुरुपयोग करके प्रधानमंत्री बने हैं। उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत इस्तीफा देकर सरकार भंग कर देनी चाहिए।’’
उन्होंने संकल्प लिया कि कांग्रेस देश भर में अपनी आवाज उठाएगी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अपराधों को हर नागरिक के सामने उजागर करेगी।
कर्नाटक का उदाहरण देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु मध्य लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता रिकॉर्ड की छह महीने तक जांच की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘श्री राहुल गांधी के मार्गदर्शन में, बेंगलुरु मध्य लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता रिकॉर्ड की छह महीने तक विस्तृत जांच की गयी। जांच में व्यवस्थित वोट चोरी के सटीक सबूत मिले।’’
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘2024 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा ने निर्वाचन आयोग का दुरुपयोग किया और महादेवपुरा- जहां केवल 3.25 लाख मतदाता हैं- में अवैध रूप से 1,00,250 वोट हासिल करके सीट जीत ली।’’
उन्होंने कहा कि सिर्फ इसी एक क्षेत्र में चुनावी गड़बड़ी के पांच तरीके सामने आए।
सिद्धरमैया ने आरोप लगाया, ‘‘इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 11,965 फर्जी मतदाताओं के वोट डालने का अनुमान है। कुछ लोगों ने कई मतदान केंद्रों पर मतदान किया, जबकि अन्य ने न केवल यहां, बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों और कर्नाटक के बाहर भी मतदान किया। यह चुनावी प्रक्रिया के व्यवस्थित और जानबूझकर दुरुपयोग की ओर इशारा करता है।’’
उन्होंने बताया कि 40,009 मतदाता फर्जी पते वाले पाए गए।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हजारों मतदाता ऐसे पते पर पंजीकृत हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिनमें से कई के पते ‘मकान नंबर 0’, पिता या पति के नाम की जगह बेतरतीब ढंग से दर्ज किए गए पते, और ऐसे पते भी शामिल हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है।’’
उनके अनुसार, ‘‘10,452 मतदाता कुछ ही पतों पर पंजीकृत थे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक मामले में, एक बेडरूम वाले घर के पते पर 80 मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए। दूसरे मामले में, 68 मतदाता पहचान पत्रों में एक निजी क्लब का पता दर्ज था। सत्यापन के बाद, यह पुष्टि हुई कि सूचीबद्ध मतदाताओं में से कोई भी वास्तव में वहां नहीं रहता है।’’
सिद्धरमैया ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में 4,132 मतदाता पहचान पत्रों में तस्वीरें गायब थीं या अस्पष्ट थीं, फिर भी उन व्यक्तियों को मतदान करने की अनुमति दी गई।
उन्होंने यह भी बताया कि ‘‘60 से 90 वर्ष की आयु के 33,692 मतदाता फॉर्म-छह के माध्यम से पहली बार मतदाता के रूप में पंजीकृत पाए गए। भाजपा अक्सर दावा करती है कि नए मतदाता नरेन्द्र मोदी का समर्थन करते हैं, लेकिन वास्तविकता चौंकाने वाली है - यहां तक कि 89 और 98 वर्ष की आयु के व्यक्तियों ने भी कथित तौर पर पहली बार मतदान किया है।’’
सिद्धरमैया ने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग ने निष्पक्षता से काम किया होता और राहुल गांधी द्वारा मांगे गए इलेक्ट्रॉनिक डेटा और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराए होते, तो चुनाव के कुछ ही दिनों बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हो सकता था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बजाय, आयोग ने जानकारी दबाने और सच्चाई पर पर्दा डालने के लिए जानबूझकर अपने ही नियमों में बदलाव किया। यह घोटाला सिर्फ महादेवपुरा तक सीमित नहीं है - अब यह स्पष्ट है कि भाजपा ने सत्ता पर काबिज रहने के लिए पूरे देश में इसी तरह के वोट चोरी के हथकंडे अपनाए हैं।’’
भाषा रंजन रंजन