सीएफबीसी योगी पर फिल्म बनाने के लिए प्राधिकरण से एनओसी लेने पर क्यों जो दे रहा: अदालत
धीरज देवेंद्र
- 08 Aug 2025, 12:14 AM
- Updated: 12:14 AM
मुंबई, सात अगस्त (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सवाल किया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित एक फिल्म को मंजूरी देने के लिए किसी प्राधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने पर जोर क्यों दे रहा है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ को सुनवाई के दौरान सूचित किया गया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने आदित्यनाथ के जीवन पर लिखी गई पुस्तक पर आधारित फिल्म ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ के निर्माताओं की प्रमाणन की अर्जी खारिज कर दी है।
निर्माताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं असीम नफाड़े, सत्य आनंद और निखिल अराधे ने बताया कि प्रमाणन अर्जी खारिज करने का एक आधार मुख्यमंत्री अधिकारी (सीएमओ) से एनओसी का अभाव था।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली वैधानिक संस्था सीबीएफसी (आम बोलचाल में सेंसर बोर्ड) ने अपने निर्णय में यह भी कहा कि फिल्म में कुछ दृश्य और संवाद ऐसे हैं जिन्हें हटाने या उनमें पुनः संशोधन करने की आवश्यकता है।
निर्माताओं ने कहा कि यदि सीबीएफसी इन आपत्तिजनक दृश्यों और संवादों के बारे में स्पष्टीकरण दे तो उन्हें तदनुसार संशोधित किया जाएगा।
इसके बाद पीठ ने सवाल किया कि सीबीएफसी किसी फिल्म को प्रमाणित करने के लिए किसी प्राधिकारी से प्रमाण पत्र या एनओसी पर क्यों जोर दे रहा है।
अदालत ने सीबीएफसी से कहा कि वह फिल्म के निर्माताओं को बताए कि आपत्तिजनक दृश्य और संवाद क्या हैं, ताकि वे अस्वीकरण जारी कर सकें या उनमें पुनः संशोधन कर सकें।
सीबीएफसी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभय खांडेपारकर ने कहा कि फिल्म देखने के बाद प्रमाणन आवेदन खारिज कर दिया गया और निर्माता नियामक एजेंसी की समीक्षा समिति के समक्ष इस फैसले के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं।
खांडेपारकर ने दलील दी कि यह फिल्म एक ऐतिहासिक व्यक्ति पर है, जिसका नाम एक प्राधिकारी के नाम पर रखा गया था, समयरेखा भी समान है और भाषण भी वही है, लेकिन निर्माताओं का दावा है कि यह एक काल्पनिक रचना है।
पीठ ने इस पर सवाल किया कि यह फिल्म पांच साल पहले प्रकाशित एक किताब पर आधारित है।
खांडेपारकर ने दलील दी कि पुस्तक और फिल्म का प्रभाव अलग-अलग होता है।
पीठ ने फिल्म निर्माताओं से कहा कि वे समीक्षा समिति के पास जाएं, जिसे 14 अगस्त तक विस्तृत कारणों के साथ निर्णय लेना है।
यह फिल्म एक अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, जो ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ नामक पुस्तक पर आधारित है। उक्त किताब कथित तौर पर योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है।
भाषा धीरज