बिहार रैली में अमित शाह ने एसअसईआर का विरोध करने पर राजद-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा
नेत्रपाल पवनेश
- 08 Aug 2025, 06:24 PM
- Updated: 06:24 PM
सीतामढ़ी, आठ अगस्त (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बिहार में एक रैली के दौरान आरोप लगाया कि विपक्षी राजद-कांग्रेस गठबंधन मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आलोचना करके ‘‘बांग्लादेशी घुसपैठियों’’ के अपने वोट बैंक को ‘‘सुरक्षित’’ करने का प्रयास कर रहा है।
शाह बिहार के सीतामढ़ी जिले में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने पुनौरा धाम को नया रूप देने के लिए लगभग 900 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखी।
पुनौरा धाम उस स्थान पर स्थित है, जहां माना जाता है कि राजा जनक को पुत्री के रूप में देवी सीता मिली थीं।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘विशेष गहन पुनरीक्षण पहले भी कई बार हो चुका है। लेकिन राहुल गांधी या (राजद अध्यक्ष) लालू प्रसाद ने कभी इसकी आलोचना नहीं की। वे अब इसका विरोध कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि वे अपना वोट बैंक बचाना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से उन घुसपैठियों के नाम हटाने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण की आवश्यकता है जो बांग्लादेश से अवैध रूप से आए हैं और उन नौकरियों को हड़प रहे हैं जिन पर बिहार के युवाओं का वैध दावा है।
शाह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और लालू प्रसाद ऐसे अवैध मतदाताओं को बचाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाने चाहिए? राहुल गांधी को संविधान की प्रति लहराने का शौक है। उन्हें संविधान को अच्छी तरह पढ़ना चाहिए, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि जो लोग देश के नागरिक नहीं हैं, उन्हें वोट देने का कोई अधिकार नहीं है।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने वास्तविक मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए जाने या वोट देने के पात्र नहीं रहे लोगों को सूची में शामिल किए जाने के संबंध में विपक्षी दलों द्वारा ‘‘एक भी दावा या आपत्ति पेश न कर पाने’’ पर भी उनका मजाक उड़ाया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह ने दावा किया कि उन्हें बिहार में राजग की निश्चित जीत का पूर्वानुमान है, जिसका नेतृत्व जदयू अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे।
कुमार इस अवसर पर मौजूद थे।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि विपक्ष को एहसास हो गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उसकी हार निश्चित है। इसलिए वे इसे टालने के तरीके ढूंढ़ रहे हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण की उनकी तीखी आलोचना भी इसी तरह का एक प्रयास है।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने राजद-कांग्रेस गठबंधन पर संसद के अंदर ऑपरेशन सिंदूर का भी विरोध करने का आरोप लगाया।
शाह ने दावा किया, ‘‘पिछली कांग्रेस सरकार आतंकवाद को रोकने में असमर्थ थीं। आतंकवादी अपनी मर्जी से हमला करते थे और बिना किसी नुकसान के अपने ठिकानों पर लौट जाते थे। लेकिन भाजपा के सत्ता में आने और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीजें बदल गईं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की गई। पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में बालाकोट हवाई हमला किया गया। और जब उन्होंने पहलगाम में आतंकी हमला करने का दुस्साहस किया, तो हमने अपराधियों को उनके घरों में घुसकर मारा।’’
इस अवसर पर सीतामढ़ी को दिल्ली से जोड़ने वाली अमृत भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई गई।
शाह ने अपने भाषण में यह भी कहा कि मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में बिहार के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाएं शुरू की हैं, जबकि संप्रग सरकार के समय लालू प्रसाद रेल मंत्री थे और राज्य पर केवल 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
प्रधानमंत्री के सबसे करीबी सहयोगी माने जाने वाले शाह ने बिहार की सांस्कृतिक विरासत के प्रति मोदी के सम्मान को भी रेखांकित किया और उन उदाहरणों का उल्लेख किया जब मोदी ने विदेशी गणमान्य अतिथियों को ‘‘मधुबनी पेंटिंग’’ नमूने भेंट की।
भारी बारिश के बावजूद कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी मान्यता है कि राजा जनक यहां सोने के हल से जमीन जोत रहे थे, क्योंकि उन्हें बताया गया था कि इससे सूखाग्रस्त क्षेत्र में बारिश होगी। जैसे ही उन्हें सीता माता का पता चला, उनके लिए स्वर्ग खुल गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘और यह कैसा संयोग है कि जिस दिन हमने देवी को समर्पित एक परियोजना शुरू की है, उसी दिन मूसलाधार बारिश हो रही है, जो भारतीय लोकाचार के अनुरूप है, जिसमें महिलाओं को हमेशा सर्वोच्च स्थान दिया गया है।’’
रैली में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जिनमें केंद्रीय और राज्य मंत्री तथा सांसद शामिल थे।
भाषा
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