केंद्र ने बेंगलुरु मेट्रो रेल परियोजना की लागत का सिर्फ 20 प्रतिशत योगदान दिया : शिवकुमार
सुरभि नेत्रपाल दिलीप
- 10 Aug 2025, 03:44 PM
- Updated: 03:44 PM
(फोटो के साथ)
बेंगलुरु, 10 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने रविवार को कहा कि बेंगलुरु मेट्रो रेल परियोजना में केंद्र की बहुत कम भूमिका है, क्योंकि परियोजना की 80 से 90 प्रतिशत लागत राज्य सरकार द्वारा वहन की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में उनसे आर.वी. रोड से इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक बेंगलुरु मेट्रो रेल की ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन करने का अनुरोध किया था।
शिवकुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आर.वी. रोड मेट्रो स्टेशन पर बेंगलुरु मेट्रो की ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन करने के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन हो गया है। परियोजना की 80 प्रतिशत लागत राज्य सरकार द्वारा और 20 प्रतिशत केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा वहन की गई है। कुछ स्थानों पर केंद्र ने केवल 11 प्रतिशत ही खर्च किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने कर्नाटक की पूरी तरह उपेक्षा की है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सम्मान करते हुए हमने उनसे मेट्रो की ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन करने का अनुरोध किया।’’
उनके अनुसार, कर्नाटक सरकार ने भूमि अधिग्रहण और बुनियादी ढांचे के लिए धन दिया।
उन्होंने कहा कि केंद्र को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत वहन करना था, लेकिन उसने धन नहीं दिया। शिवकुमार ने कहा, ‘‘कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु केंद्र के लिए भारी कर उत्पन्न करती है, जहां हर साल लगभग एक लाख से डेढ़ लाख नए रोजगार सृजित होते हैं और देश भर से तकनीकी विशेषज्ञ नौकरी की तलाश में यहां आते हैं, उसके मान के लिए और तकनीकी विशेषज्ञों की सुविधा के लिए हमने इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक मेट्रो रेल का निर्माण किया।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिटी में फ्लाईओवर का निर्माण मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुआ था। उन्होंने मेट्रो स्टेशनों के निर्माण के लिए धन दान करने वाली इंफोसिस, बायोकॉन, डेल्टा और अन्य कंपनियों का भी धन्यवाद किया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कुछ भाजपाई यह प्रचारित कर रहे हैं कि मेट्रो रेल केंद्र सरकार की परियोजना थी, लेकिन केंद्र ने कुछ नहीं किया। किसी भी सांसद ने बेंगलुरु में मेट्रो रेल परियोजना के लिए एक पैसा या कोई सहयोग नहीं दिया। यह कर्नाटक के सभी सांसदों के लिए शर्म की बात है।’’
शिवकुमार ने दावा किया कि केंद्र ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत कर्नाटक को धन प्राप्त करने में मदद नहीं की। केंद्र पर बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं देने का आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री ने मोदी से अपील की कि वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तरह ही बेंगलुरु के लिए भी एक लाख करोड़ रुपये दें, ‘‘क्योंकि यह देश में दूसरा सबसे अधिक कर देने वाला शहर है।’’
शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैं उन्हें (मोदी को) एक ज्ञापन देने जा रहा हूं। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वह बेंगलुरु को नजरअंदाज नहीं करें। इसे राष्ट्रीय राजधानी की तरह ही समझें।’’
उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने अहमदाबाद बुनियादी ढांचा परियोजना में 20 प्रतिशत का योगदान दिया है, लेकिन बेंगलुरु में उसने केवल 10 प्रतिशत दिया है, जो एक सर्वविदित तथ्य है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं राजनीति में नहीं पड़ना चाहता और इसकी कोई जरूरत भी नहीं है, लेकिन मैं यह बात उनके (मोदी) संज्ञान में ला रहा हूं। सांसदों को राजनीति छोड़कर लोगों की सेवा के लिए केंद्रीय अनुदान लाना चाहिए।’’
बेंगलुरु के सांसदों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ तस्वीरों और चीजों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने और अखबारों में कवरेज पाने का जरिया नहीं है।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘आपकी अंतरात्मा से यह आवाज उठनी चाहिए। आपको इस तरह काम करना चाहिए।’’
जब उनसे भाजपा के इस दावे के बारे में पूछा गया कि मोदी ने बेंगलुरु को मेट्रो रेल का तोहफा दिया है, इस पर शिवकुमार ने कहा कि इसमें किसी की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एस. एम. कृष्णा ने की थी, जब दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (भाजपा नेताओं को) अपने आंकड़े जारी करने दीजिए कि उन्होंने मेट्रो परियोजना के लिए कितना पैसा दिया, फिर मैं भी अपने आंकड़े बता दूंगा।’’
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच मेट्रो ‘येलो लाइन’ को लेकर टकराव जारी है। कांग्रेस दावा कर रही है कि राज्य सरकार ने इस परियोजना को साकार किया, जबकि भाजपा का कहना है कि केंद्र ने मेट्रो लाइन के निर्माण में योगदान दिया है।
भाषा सुरभि नेत्रपाल