‘ऑपरेशन सिंदूर’ तीनों सेनाओं के बीच शानदार तालमेल का प्रमाण: सीडीएस जनरल चौहान
पारुल रंजन
- 10 Aug 2025, 04:30 PM
- Updated: 04:30 PM
नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तीनों सेनाओं के बीच शानदार तालमेल का प्रमाण है और उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार सुधार, समन्वय एवं अनुकूलनशीलता जारी रखने की जरूरत है।
सिकंदराबाद में रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय में अपने संबोधन में जनरल चौहान ने बिना विस्तार से बताए संयुक्त क्षमता बढ़ाने के लिए थिएटर कमान के वास्ते एक रोडमैप के बारे में भी बात की।
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि संयुक्त आपूर्ति शृंखला और एकीकरण को मजबूत करने के वास्ते जारी प्रयासों के तहत सीडीएस ने “एकीकृत आपूर्ति शृंखला के लिए संयुक्त पुस्तिका” जारी की।
बयान के मुताबिक, यह पुस्तिका आपूर्ति शृंखला प्रणालियों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक कदम आगे ले जाती है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सशस्त्र बल हमेशा संसाधनों से लैस रहें और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें।
बयान के अनुसार, इस पुस्तिका में आपूर्ति शृंखला के एकीकरण, डिजिटलीकरण, सामान्य वितरण और खरीद एवं राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला ढांचे के साथ एकीकरण जैसे मुख्य क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है।
बयान में कहा गया है कि उक्त दस्तावेज का मकसद तीनों सेनाओं के बीच रसद समन्वय को बढ़ावा देना, दक्षता में सुधार लाना और सशस्त्र बलों में अधिक संगठनात्मक प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है।
जनरल चौहान में अपने संबोधन में प्रौद्योगिकी-संचालित आधुनिक युद्ध क्षेत्र में बदलावों से निपटने के लिए सेना में किए जा रहे परिवर्तनकारी बदलावों पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने सशस्त्र बलों में तालमेल और एकीकरण पर रणनीतिक दृष्टिकोण साझा किया तथा एकीकृत संचालन के भविष्य के रोडमैप को आकार देने के लिए प्रमुख बिंदुओं को भी रेखांकित किया।
‘थियेटराइजेशन मॉडल’ के तहत सरकार सेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत करना तथा युद्ध एवं अभियानों के लिए उनके संसाधनों का इष्टतम इस्तेमाल करना चाहती है।
‘थिएटरीकरण योजना’ के तहत प्रत्येक थिएटर कमान में सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए संयुक्त इकाई के रूप में काम करेंगी।
मौजूदा समय में थलसेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग कमान हैं।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जनरल चौहान ने प्रौद्योगिकी-संचालित आधुनिक युद्ध में हो रहे विघटनकारी परिवर्तनों से निपटने के लिए व्यापक क्षमता विकास, आत्मनिर्भरता और सेना में किए जा रहे परिवर्तनकारी बदलावों की गहन समझ हासिल करने के महत्व पर जोर दिया।
मंत्रालय के मुताबिक, सीडीएस ने सैन्य मामलों के विभाग की उपलब्धियों, निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा समितियों की कार्यप्रणाली, संगठनात्मक पुनर्गठन सहित सुधारों के कार्यान्वयन एवं संयुक्त क्षमता बढ़ाने के लिए थिएटर कमान के रोडमैप पर प्रकाश डाला।
मंत्रालय ने बताया कि जनरल चौहान ने राष्ट्र के सामने उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए लगातार सुधार, समन्वय और अनुकूलनशीलता के महत्व को रेखांकित किया।
भाषा पारुल