लोकसभा में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक पारित
सुभाष वैभव
- 11 Aug 2025, 04:58 PM
- Updated: 04:58 PM
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) लोकसभा ने सोमवार को राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 तथा राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित कर दिया और केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि इन विधेयकों के कानून का रूप लेने के बाद खेल के मैदान से गौरव हासिल करने का देश का सपना साकार होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि ये विधेयक देश में एक पारदर्शी, जवाबदेह और विश्व स्तरीय खेल वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मांडविया ने दोनों विधेयकों पर सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा पर अपने जवाब में कहा कि आने वाले दिनों में, जब भारत ओलंपिक के लिए दावेदारी पेश करेगा, तो यह जरूरी है कि हमारा खेल वातावरण मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह हो तथा खेल शासन विधेयक उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्री ने कहा, ‘‘यह (राष्ट्रीय खेल शासन) विधेयक हमारे देश की महिलाओं को अवसर देगा, हमारे देश के एथलीट को बढ़ावा मिलेगा और ‘स्पोर्ट्स इकोसिस्टम’ में यह बहुत मायने रखेगा।’’
उन्होंने कहा कि इस विधेयक से ‘‘स्पोर्ट्स के ग्राउंड से ग्लोरी’’ (खेल के मैदान से लेकर गौरव हासिल करने) तक का देश का सपना साकार होगा।
मंत्री ने कहा कि इतना बड़ा देश होने के बावजूद, ओलंपिक खेलों और अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारा प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है, जबकि तैयारी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उत्कृष्टता के उच्चतम स्तर पर होनी चाहिए।
उन्होंने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 पर अपने जवाब में कहा कि वर्ल्ड डोपिंग एजेंसी ने जो सुधारों के सुझाव दिये हैं, उन्हें शामिल किया गया है ताकि देश में डोपिंग में कमी आए और पारदर्शिता एवं स्वायत्तता के साथ राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी काम कर सके।
उन्होंने सदन में शोर-शराबा कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं चाहता था कि विधेयक पर विस्तृत चर्चा हो। लेकिन दुर्भाग्य है कि देश की आजादी के बाद खेल क्षेत्र में हो रहे इतने महत्वपूर्ण सुधार में आज हमारे विपक्ष के साथी सहयोग नहीं कर रहे हैं।’’
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच दोनों विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
दोनों विधेयकों को सदन में 23 जुलाई को पेश किया गया था।
सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर से शुरू होने पर विपक्ष के अधिकतर सदस्यों की गैर-मौजूदगी में शांत माहौल में विधेयकों पर चर्चा शुरू हुई थी, हालांकि लगभग 20 मिनट बाद विपक्ष के सांसद सदन में पहुंचे और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों के सांसदों ने एसआईआर के विरोध में आज संसद से निर्वाचन सदन तक मार्च निकाला और उन्हें संसद मार्ग पर ‘पीटीआई बिल्डिंग’ के पास पुलिस ने रोक लिया तथा बाद में हिरासत में लिया गया। इन सदस्यों को बाद में संसद मार्ग थाने से छोड़ा गया।
सदन में विधेयकों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के केसिनेनी शिवनाथ ने कहा कि ये महत्वपूर्ण विधेयक खेलो भारत नीति के तहत खेल स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे।
दोनों विधेयकों पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के गणेश सिंह ने कहा कि सभी खेल निकायों को एक कानून के दायरे में लाया जा रहा है, ताकि खेल निकायों में व्याप्त अराजकता खत्म की जा सके तथा जवाबदेही की कमी को दूर कर एक सशक्त पारदर्शी और खिलाड़ियों के अनुकूल तंत्र स्थापित किया जा सके।
उन्होंने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक के प्रमुख सकारात्मक पहलुओं का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रीय खेल बोर्ड (एनएसबी) का गठन, सभी खेल राष्ट्रीय महासंघों की मान्यता, वित्तीय पारदर्शिता और कर प्रणाली के लिए एक केंद्रीय स्वायत्त एवं पेशवर ढांचा तैयार करेगा।’’
भाजपा सांसद ने कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा एवं कल्याण की दिशा में पहल, यौन उत्पीड़न, भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न आदि को रोकने की आचार संहिता जैसे प्रावधान इस विधेयक में शामिल किये गए हैं।
उन्होंने कहा कि क्रिकेट सहित सभी खेल संघों की समान जवाबदेही सुनिश्चित करना, बीसीसीआई जैसे शक्तिशाली निकायों को भी विधेयक के अंतर्गत लाकर (खेल) शासन-व्यवस्था में समानता का सिद्धांत स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि खेल प्राधिकरण के माध्यम से शीघ्र विवाद समाधान, खिलाड़ियों, कोचों और संघों के बीच विवादों का निपटारा त्वरित व निष्पक्ष तरीके से होगा। साथ ही, चुनाव पैनल की स्थापना द्वारा खेल संघों के चुनाव में निष्पक्षता आएगी और खेल संघों के चुनाव गुटबाजी एवं वंशवाद से मुक्त होकर निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय खेल महासंघों की पुनर्संरचना की जाएगी।
राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) समेत राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) के बेहतर प्रशासन एवं गुटबाजी को रोकने तथा उनके लिए नियम बनाने के उद्देश्य से एक बोर्ड के गठन का प्रावधान है।
वहीं, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम, 2022 में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के सुझावों के मुताबिक संशोधन शामिल किए गए हैं।
भाषा सुभाष