सिकुड़ते पारसी समुदाय की कहानी बयां करती है बांग्ला फिल्म ‘हाउ आर यू फिरोज’
धीरज दिलीप
- 11 Aug 2025, 03:35 PM
- Updated: 03:35 PM
कोलकाता, 11 अगस्त (भाषा)बांग्ला फिल्म ‘हाउ आर यू फिरोज’में प्रसिद्ध फिल्मकार अशोक विश्वनाथन एक काल्पनिक निर्देशक की अहम भूमिका रहे हैं, जो प्राचीन वस्तुओं के एक पारसी विक्रेता पर केंद्रित है और सिकुड़ते इस समुदाय की कहानी बयां करती है। रूपसा गुहा ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कई अंतराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित होने और प्रशंसा पाने के बाद, यह पुरस्कार विजेता फिल्म इस महीने के अंत में भारतीय सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी।
गुहा के मुताबिक मुख्य पात्र, फिरोज, एक प्राचीन और ऐतिहासिक मूर्तियों, चित्रकला आदि का व्यापारी है, जो अपनी कलाकृतियों से बहुत जुड़ा हुआ है, जिनमें से प्रत्येक के साथ एक निजी कहानी जुड़ी हुई है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘युवा होने के नाते, वह अपने माता-पिता और उस लड़की से बहुत प्यार करता है, जिसके साथ वह बड़ा हुआ है। साथ ही, उसे अपने आस-पास की कलाकृतियों से भी बहुत प्यार था। समय के साथ, उसे एक-एक करके इनसे अलग होना पड़ा।’’
गुहा ने कहा, ‘‘यह फिल्म एक प्राचीन कलाकृति विक्रेता की कहानी के माध्यम से पहचान, लालसा और लचीलेपन के विषयों पर प्रकाश डालती है।’’
उन्होंने कहा,‘‘यह एक भावनात्मक कहानी है, जो दिखाती है कि भावनाएं भाषा और जाति से परे कैसे होती हैं। उसे पैसों के लिए अपनी कुछ बेशकीमती कलाकृतियां बेचनी पड़ती हैं, लेकिन प्रियजन के पत्रों सहित उन वस्तुओं से भावनात्मक रूप से जुड़े होने के कारण उसे एक दर्दनाक दुविधा का सामना करना पड़ता है।’’
गुहा ने इस फिल्म में आर्यन भौमिक, अशोक विश्वनाथन और अनुषा विश्वनाथन को भूमिकाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि कहानी इस बात को रेखांकित करती है कि ‘‘भावनाएं धार्मिक और भाषाई पहचान पर हावी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिरोज प्यार और पारस्परिकता चाहता था और शायद उसे मिल भी गया। अंततः कला की दुनिया उसे आजादी का भाव देती है। यह मेरी कहानी है, आपकी कहानी है, हमारी कहानी है... एक कला प्रेमी की कहानी है।’’
‘ हाउ आर यू फिरोज’ को एशियाई स्वतंत्र फिल्म महोत्सव 2025 और टोरंटो अंतरराष्ट्रीय महिला फिल्म महोत्सव 2023 के लिए आधिकारिक रूप से चुना गया था। इसने बर्लिन इंडी फिल्म महोत्सव 2024 में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, कोडईकनाल अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ पटकथा और भारतीय पैनोरमा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2025 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता है।
भाषा धीरज