राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने मणिपुर में शांति एवं स्थिरता कायम किए जाने पर दिया जोर
माधव मनीषा माधव मनीषा
- 11 Aug 2025, 03:45 PM
- Updated: 03:45 PM
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी एवं अन्य दलों के सदस्यों ने मणिपुर में शांति एवं स्थिरता कायम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राज्य में आतंरिक रूप से विस्थापित हुए लोगों का पुनर्वास किया जाना चाहिए, वहीं बीजद ने राज्य को वित्तीय पैकेज देने की मांग की।
उच्च सदन में मणिपुर के बजट एवं संबंधित विनियोग विधेयक तथा मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त चर्चा के दौरान विभिन्न दलों के सदस्यों ने यह मांग की। चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित अधिकतर विपक्षी दलों के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे
चर्चा में भाग लेते हुए वाईएसआर कांग्रेस के गोला बाबू राव ने कहा कि मणिपुर में बार-बार होने वाले बंद, प्रदर्शनों एवं जाति संघर्ष के कारण राज्य में व्यापार-कारोबार सहित विकास की गतिविधियां, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं प्रशासन बुरी तरह बाधित हुए हैं। उन्होंने मणिपुर में शांति एवं स्थिरता कायम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्थिरता एवं पुनर्निर्माण कार्यों के पैकेज के तौर पर 2,899 करोड़ रूपये का अतिरिक्त प्रावधान किये जाने से, राज्य में हाल में आयी अस्थिरता के बाद स्थायित्व लाने में काफी मदद मिलेगी।
राव ने कहा कि राज्य में आतंरिक रूप से विस्थापित हुए लोगों के लिए जो 523 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है, उससे राहत शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए भोजन, पानी एवं चिकित्सा देखभाल एवं उनके बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि इन कदमों से यह बात सुनिश्चित हुई है कि केंद्र सरकार मणिपुर के लोगों के साथ खड़ी है एवं उनके सुरक्षित एवं समृद्ध भविष्य का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राव ने सुझाव किया कि मणिपुर में सड़क मार्ग के जरिये म्यामां के साथ व्यापार बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के लोगों को उग्रवाद की तरफ जाने के बजाय आर्थिक विकास की गतिविधियों की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान ने कहा कि यह केवल बजट से जुड़ा मुद्दा न होकर मणिपुर के लोगों की गरिमा, सुरक्षा और अस्तित्व का सवाल है। उन्होंने कहा कि विनियोग का मतलब है कि नागरिकों के कल्याण के लिए खर्च की अनुमति देना। उन्होंने कहा कि किंतु ऐसे विनियोग का क्या अर्थ है, जब जिन व्यक्तियों के लिए खर्चे की अनुमति दी जा रही है वे विस्थापन एवं भय के साये में जीवन गुजर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मणिपुर पिछले एक वर्ष से जल रहा है और ‘‘हम व्यापक पुनर्वास योजना के बजाय उन्हें यह दिखावटी आवंटन दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार के कदमों की घोषणा तो जोरशोर से होती है किंतु वे जमीन पर कम ही पहुंच पाते हैं।
खान ने कहा कि केंद्र सरकार डबल इंजन के जरिये विकास की बात तो जरूर करती है किंतु मणिपुर में एक इंजन को बिना ईधन के छोड़ दिया गया है। उन्होंने दावा कि मणिपुर में राहत शिविर अभी तक लोगों की भीड़ से भरे हुए हैं और बच्चों की शिक्षा का एक साल बरबाद हो गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय कारोबार ठप पड़े हुए हैं ‘‘किंतु केंद्र सरकार चाहती है कि हम इस बात को मान लें कि वहां सब कुछ ठीक-ठाक है।’’ उन्होंने कहा कि आज मणिपुर में जो स्थिति है, वह केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि आर्थिक पतन की भी कहानी है।
बीजद सांसद ने कहा कि मणिपुर में किसान अपने खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, व्यापारी अपने कारोबार से कट रहे हैं और युवा रोजगार एवं सुरक्षा के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि यह विनियोग विधेयक लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए क्या मदद करने जा रहा है?
उन्होंने राज्य में शांति एवं स्थिरता कायम करने की जरूरत पर बल देते हुए मांग की कि मणिपुर के लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए।
भाजपा के कणाद पुरकायस्थ ने कहा कि विनियोग विधेयक केवल धन आवंटन का विषय नहीं बल्कि मणिपुर के किसानों, युवाओं, व्यापारियों एवं छात्रों की आंकाक्षाओं को पूरा करने से जुड़ा मामला है।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस विधेयक के जरिये जो भी धन आवंटित किया जा रहा है वह मणिपुर को सुरक्षित एवं शांत राज्य बनाने में काफी मदद करेगा। उन्होंने सभी दलों से अपील की कि वे मणिपुर के विकास को लेकर एक स्वर और एक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें।
भाजपा के ही सिंकदर कुमार ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि यदि भारत की अर्थव्यवस्था पर पिछले दस साल की ओर नजर डाली जाए तो यह पता लगता है कि देश का आर्थिक विकास विश्व के आर्थिक विकास के साथ चल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य सामने रखा है, और उनका मानना है कि 2027 तक देश यह लक्ष्य हासिल कर लेगा। उन्होंने भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा कोष का हवाला देते हुए कहा कि देश हर मोर्चे पर तेज गति से विकास कर रहा है।
चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के महाराजा संजाओबा लेशंबा ने कहा कि मणिपुर के लिए बजट 30,969.44 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह बजट मणिपुर में स्थिरता लाने में मददगार होगा।
लेशंबा ने कहा कि मणिपुर बजट में 2,898 करोड़ रुपये का अतिरिक्त केंद्रीय आवंटन शामिल है, जिसमें 1,667 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए और 1,231 करोड़ रुपये राजस्व व्यय के लिए निर्धारित हैं।
उन्होंने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित होने के कारण शिविरों में रह रहे लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार 523 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा रही है।
लेशंबा ने कहा कि राज्य में अवसंरचना के विकास के लिए वहां शांति की स्थापना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हिंसा की वजह से हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं जिनका पुनर्वास जरूरी है।
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