‘मिया मुस्लिमों’ के अवैध कब्जे वाले वन और आरक्षित भूमि को मुक्त कराएंगे : हिमंत
धीरज दिलीप
- 11 Aug 2025, 06:25 PM
- Updated: 06:25 PM
गुवाहाटी, 11 अगस्त (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य का अतिक्रमण विरोधी अभियान ‘अल्पसंख्यक बहुल’ क्षेत्रों को निशाना बनाकर नहीं चलाया जा रहा है, बल्कि उन जंगलों या अन्य आरक्षित भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए है , जिन पर ‘मिया-मुसलमानों’ ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
‘मिया’ मूल रूप से असम में बांग्ला भाषी मुसलमानों के लिए प्रयुक्त एक अपमानजनक शब्द है, तथा गैर-बांग्लाभाषी लोग आमतौर पर उन्हें बांग्लादेशी आप्रवासी मानते हैं।
शर्मा ने दावा किया कि ‘मिया-मुसलमानों’ के पास ‘चार’ (नदी किनारे के जंगल) पर अतिक्रमण कर राज्य की आधी जमीन पर कब्जा कर लिया है। उन इलाकों में अन्य समुदाय नहीं बसे हैं।
शर्मा ने चिरांग में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में नहीं चल रहा है। यह अभियान उन ‘मिया-मुसलमानों’ के लिए है, जिन्होंने वन भूमि, या वीजीआर (ग्राम चरागाह आरक्षित), पीजीआर (पेशेवर चरागाह आरक्षित) भूमि पर अतिक्रमण किया है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे लोग आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण नहीं करते। अगर बोडो लोग, मिसिंग लोग (वन भूमि पर रहने वाले) हैं, तो वे ‘पट्टा’ (स्वामित्व) के पात्र हो सकते हैं। लेकिन, गैर-आदिवासियों को (वन भूमि पर) ‘पट्टा’ नहीं मिल सकता।’’
शर्मा ने ‘मिया-मुसलमानों’ पर हमला जारी रखते हुए कहा, ‘‘हमने उन्हें ‘चार’ में बहुत ज़मीन दी है। हम ‘चार’ में नहीं गए हैं। बोडो, मिसिंग, असमिया, बंगाली, बिहारी, वे वहां नहीं गए हैं। हम उन्हें ‘चार’ में नहीं ले गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘असम की आधी जमीन उनके लिए चार में है। ‘चार’ से वे शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट (ऊपरी असम के जिले) में जाना चाहते हैं। ऐसा कैसे हो सकता है? असमिया लोग कहां रहेंगे?’’
ऑल असम माइनॉरिटी स्टुडेंट्स यूनियन (एएएमएसयू) द्वारा बेदखली अभियान का विरोध करने और दिन में धुबरी में विरोध प्रदर्शन करने के बारे में शर्मा ने कहा कि वे प्रदर्शन आयोजित कर सकते हैं और लोग उनमें शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘लेकिन, हम वही करेंगे, जो करने का हमने वादा किया है। अगर एएएमएसयू ज्यादा शोर मचाएगा, तो और ज्यादा बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।’’
गोलाघाट और कार्बी आंगलोंग जिलों में अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन उद्योग जगत की बड़ी कंपनियों को सौंपे जाने की खबरों पर शर्मा ने कहा, ‘‘ अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन पर पौधारोपण किया जा रहा है। अदाणी और अंबानी भी पेड़ लगाने आ सकते हैं। अगर वे उन जगहों पर उद्योग लगाते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। मैं उन्हें आमंत्रित करने के पक्ष में हूं, लेकिन वे नहीं आएंगे, क्योंकि ये दूर की जगहें हैं।’’
मुख्यमंत्री ने बेदखली अभियान की विपक्ष की आलोचना को भी तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि जनता को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभ मिला है और वे सत्तारूढ़ सरकार की आलोचना पर ध्यान नहीं देंगे।
शर्मा ने पहले कहा था कि जब तक सारी अतिक्रमण वाली भूमि खाली नहीं हो जाती, तब तक बेदखली अभियान जारी रहेगा। उन्होंने दावा किया था कि बड़े भूभाग पर ‘‘अवैध बांग्लादेशियों और संदिग्ध नागरिकों’’ का कब्जा है।
उन्होंने कहा था कि राज्य में 29 लाख बीघा (9.5 लाख एकड़ से अधिक) भूमि पर अब भी अतिक्रमण है, और पिछले चार वर्षों में 1.29 लाख बीघा (42,500 एकड़ से अधिक) भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।
भाषा धीरज