बच्चों के मोबाइल फोन पर ज्यादा समय बिताने पर राज्यसभा में जतायी गयी चिंता
अविनाश माधव
- 11 Aug 2025, 06:27 PM
- Updated: 06:27 PM
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को भाजपा के एक सदस्य ने देश में बच्चों द्वारा मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग किए जाने पर चिंता जतायी और कहा कि इससे न सिर्फ उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है वहीं कम उम्र में ही कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
भाजपा के अजीत माधवराव गोपछडे ने सदन में यह मुद्दा विशेष उल्लेख के जरिए उठाया और कहा, ‘‘ भारत में बच्चों के बीच मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इस आदत का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग चिंता अवसाद और चिड़चिड़ापन उत्पन्न कर सकता है।’’
उन्होंने कहा कि यह आदत कम उम्र में ही डायबिटीज का कारण बन सकती है और इसके परिणामस्वरुप मोटापा भी बढ़ सकता है, हृदय से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि कम उम्र में बुढ़ापे के लक्षण और बालों का सफेद होना शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर मोबाइल फोन पर केंद्रित हो जाता है जिससे बच्चों के सीखने की क्षमता में कमी आ सकती है। लंबे समय तक मोबाइल फोन का उपयोग करने से आंखों में समस्या, नींद की कमी और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। उन्होंने सरकार से इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाने की मांग की।
भाजपा के ही बृज लाल ने मंत्रियों और सांसदों के साथ नियुक्त पुलिसकर्मियों से जुड़ा मुद्दा उठाया और कहा कि नीतिगत निर्णय के तहत ऐसे पुलिसकर्मियों को संसद भवन परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि इस वजह से उन्हें अकसर प्रतिकूल मौसम का सामना भी करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे पुलिसकर्मियों को जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कदम उठाए जाएं।
भाजपा सदस्य सिकंदर कुमार ने देश में खाद्य पदार्थों में मिलावट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत में खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या गंभीर है। उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों के लिए गंभीर खतरा बन गई है और ऐसा प्रतीत होता है कि कोई भी खाद्य पदार्थ मिलावट के अवैध कारोबार से अछूता नहीं है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न खाद्य पदार्थों में खतरनाक रंग और रासायनिक पदार्थ मिलाए जाते हैं जिनसे गंभीर बीमारी भी हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले लोगों को कानून का डर नहीं है। उन्होंने मिलावट की समस्या का प्राथमिकता के आधार पर हल करने की जरूरत पर जोर देते हुए सरकार से मौजूदा कानूनों का प्रभावी ढंग से पालन कराने की मांग की।
भाषा अविनाश