उत्तराखंड: बारिश से बचाव अभियान में अड़चन, भागीरथी में बनी झील से जल निकासी के प्रयास शुरू
सं दीप्ति जितेंद्र
- 11 Aug 2025, 06:41 PM
- Updated: 06:41 PM
उत्तरकाशी, 11 अगस्त (भाषा) उत्तरकाशी के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को हुई लगातार बारिश के कारण आपदाग्रस्त धराली और हर्षिल में बचाव अभियान में रुकावटें आयी जबकि भागीरथी नदी के रूके जलप्रवाह से बनी झील से पानी निकालने का प्रयास जारी है।
अधिकारियों ने यहां बताया कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवाएं नहीं शुरू की जा सकीं और मलबे में दबे लोगों की तलाश का काम भी प्रभावित हुआ।
पांच अगस्त को खीरगंगा नदी में आयी भीषण बाढ़ से धराली गांव में जमा हुए मलबे में लापता लोगों के जीवित होने की संभावना कम होती जा रही है क्योंकि आपदा के बाद लगभग एक सप्ताह का समय गुजर चुका है।
गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने संवाददाताओं को बताया कि 43 लोगों के लापता होने की सूचना है, जिनमें से धराली गांव के एक युवक आकाश पंवार का शव बरामद किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि शेष बचे लापता 42 लोगों में सेना के नौ कार्मिकों के अलावा धराली गांव के आठ, आसपास के क्षेत्रों के पांच, टिहरी जिले का एक, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के छह व्यक्ति शामिल हैं।
पाण्डेय ने बताया कि इनके अतिरिक्त 29 नेपाली मजदूरों के लापता होने की भी सूचना मिली थी हालांकि मोबाइल फोन नेटवर्क बहाल होने के बाद इनमें से पांच लोगों के साथ संपर्क हो चुका है।
उन्होंने बताया कि शेष 24 मजदूरों के संबंध में उनके ठेकेदारों से अधिक विवरण नहीं मिल पाया है।
अधिकारी ने बताया कि संबंधित ठेकेदारों से मजदूरों के बारे में जानकारी इकटठा करने को कहा गया है।
पाण्डेय ने बताया कि माना जा रहा है कि इन पांच मजदूरों की तरह शेष अन्य मजदूर भी लौट गये हों।
उन्होंने इस संबंध में याद दिलाया कि केदारनाथ आपदा के दौरान भी लापता बताए गए कई लोग प्रभावित क्षेत्र से वापस अपने घर पहुंच गए थे।
मंडलायुक्त ने बताया कि धराली गांव के आपदा प्रभावितों को तत्कालिक तौर पर पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि का वितरण शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार प्रभावितों के लिए राहत एवं पुनर्वास का बेहतर पैकेज तैयार कराया जा रहा है, जिसके लिए राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है।
पाण्डेय ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में फंसे 1278 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है, जिनमें बाहरी राज्यों से आए एवं जरूरतमंद स्थानीय लोग शामिल है।
उन्होंने बताया कि मलबे के अंदर दबे लोगों की खोज करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें जुटी हुई हैं।
अधिकारी ने बताया कि राहत, बचाव एवं तलाशी अभियान को तत्परता से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी लगातार प्रभावित क्षेत्र में ही जुटे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, कपड़े व दैनिक उपयोग की सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है।
अधिकारी ने बताया कि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार को लिमचागाड़ में 30 मीटर लंबे बेली पुल का निर्माण पूरा होने के बाद डबरानी में भारी मशीनों को पहुंचा दिया गया ताकि डबरानी और सोनगाड़ के बीच क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त किया जा सके।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि मंगलवार शाम तक आपदाग्रस्त क्षेत्र में सड़क संपर्क बहाल हो जाएगा।
पाण्डेय ने बताया कि हर्षिल में भागीरथी नदी पर बनी झील से पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग और यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ के साथ बहकर आए पेड़ के कारण नदी में झील बन गयी है।
जिला प्रशासन ने अब तक आपदा में चार लोगों की मौत की पुष्टि की है।
मौसम विभाग द्वारा पूर्वाह्न पौने 12 बजे तक के लिए अल्मोड़ा, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी और उधमसिंह नगर में कहीं-कहीं मध्यम से भारी तथा कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया था।
अलर्ट के मद्देनजर देहरादून तथा कुछ अन्य क्षेत्रों में 12वीं कक्षा तक के विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया।
मौसम विभाग ने प्रदेश में 13 से 15 अगस्त के दौरान भी भारी बारिश की आशंका जताई है।
भाषा सं दीप्ति