शिमला: फिरौती के लिए छात्रों का अपहरण करने के आरोप में बिशप कॉटन स्कूल का पूर्व छात्र गिरफ्तार
शुभम संतोष
- 11 Aug 2025, 10:36 PM
- Updated: 10:36 PM
शिमला, 11 अगस्त (भाषा) ‘बिशप कॉटन स्कूल’ के पूर्व छात्र सुमित सूद को इसी स्कूल के कक्षा छह के तीन छात्रों का कथित तौर पर अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसने खुद को स्कूल का पूर्व छात्र बताकर छात्रों को अपने वाहन में बैठने का प्रस्ताव दिया था।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने मीडिया को बताया कि सूद पिछले आठ-दस दिनों से अपहरण की साजिश रच रहा था और उसने स्कूल के नियमों के बारे में अपनी जानकारी का फायदा उठाया। उसने बच्चों के माता-पिता को धमकी भरे इंटरनेट कॉल करने के लिए कैलिफोर्निया स्थित एक वीपीएन नंबर का इस्तेमाल किया।
इंजीनियरिंग में स्नातक सूद ने आठवीं कक्षा तक बीसीएस में पढ़ाई की थी। उसने खुद को यहां के एक पूर्व छात्र के रूप में पेश करके लड़कों का विश्वास जीता और उन्हें अपने वाहन से ‘ऑकलैंड टनल’ तक छोड़ने की पेशकश की।
उन्होंने बताया कि शिमला शहर के उपनगरीय क्षेत्र ढली को पार करने के बाद उसने रिवॉल्वर दिखाकर उन्हें धमकाया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी स्कूल के माहौल से वाकिफ था और उसने आर्थिक लाभ के लिए अपहरण की योजना बनाई थी। लड़कों को रविवार को कोटखाई के चैथला गांव के एक घर से छुड़ाया गया, एक दिन पहले वे बाहर घूमने के दौरान लापता हो गए थे।
मामले में सफलता तब मिली जब सीसीटीवी फुटेज में अपराध में इस्तेमाल की गई गाड़ी (जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर दिल्ली है) की पहचान हो गई। उन्होंने बताया कि संदिग्ध गाड़ी नारकंडा की ओर जाती हुई, फिर चैला लौटती हुई और बाद में कोटखाई की ओर जाती हुई दिखाई दी।
लापता छात्रों के माता-पिता को फोन पर बताया गया कि उनके बच्चे एक गिरोह के साथ हैं, लेकिन फिरौती की कोई स्पष्ट मांग नहीं की गई।
कोटखाई के एक स्थानीय युवक रौनक ने इस मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। चोल में काम करने वाले रौनक की मुलाकात दो कांस्टेबल पवन और हितेश से हुई, जिन्होंने उसे अपराध में इस्तेमाल की गई गाड़ी का सीसीटीवी फुटेज दिखाया।
रौनक ने कहा, ‘‘फुटेज देखने के बाद, मुझे 95 प्रतिशत यकीन हो गया कि गाड़ी सुमित सूद की है। मैंने उसे फोन किया, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। फिर हम उसके घर गए और गाड़ी की जांच की। इसके बाद यह पुष्टि हो गई कि यह फुटेज में दिख रही गाड़ी ही है।’’
बाद में सुमित को गिरफ्तार कर लिया गया। पंजाब के शिक्षा मंत्री (जिनका भतीजा लापता बच्चों में से एक था) भी पुलिस के साथ कोटखाई में मौजूद थे।
बाद में रौनक को हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय विधायक रोहित ठाकुर ने सम्मानित किया।
रौनक ने बताया था कि सुमित के अच्छे व्यवहार, शिक्षा और पृष्ठभूमि को देखते हुए यह विश्वास करना कठिन था कि वह ऐसे अपराध में शामिल है।
सोमवार को स्कूल अधिकारियों के साथ मीडिया से बात करते हुए स्थानीय कांग्रेस विधायक और पूर्व बीसीएस छात्र हरीश जनार्था ने कहा कि सुमित ने खुद को एक पुराने छात्र के रूप में पेश किया और स्कूल के नजदीक खलिनी में स्थित सतर्कता कार्यालय के पास बच्चों को अपने वाहन से उनके गंतव्य तक छोड़ने का प्रस्ताव दिया।
हरीश ने बताया कि इसके बाद वह उन्हें अपने वाहन में बैठाकर मॉल रोड की बजाय ऊपरी शिमला की ओर ले गया। उन्होंने कहा, ‘‘सुमित को पता था कि स्कूल संपन्न परिवारों के बच्चों को शिक्षा देता है और उसे स्कूल से बाहर निकलने की समयसारणी की भी जानकारी थी।’’
हरीश ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि बच्चों को विशेष रूप से निशाना नहीं बनाया गया था तथा आरोपी (जिसकी आर्थिक स्थिति खराब है) ने उन्हें यादृच्छिक तरीके से निशाना बनाया।’’
हरीश ने कहा कि अपहरण सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है तथा आरोपी के घर से हथियार, रस्सियां और अन्य सामान बरामद किये गए हैं।
भाषा
शुभम