पिक्सल नीत समूह भारत का पहला वाणिज्यिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह तंत्र स्थापित करेगा
धीरज प्रशांत
- 12 Aug 2025, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा)बेंगलुरु स्थित पिक्सलस्पेस नीत कंपनियों के एक समूह ने भारत के पहले पूर्णतः स्वदेशी वाणिज्यिक पृथ्वी अवलोकन (ईओ) उपग्रह तंत्र के निर्माण और संचालन के लिए बोली जीत ली है। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इन-स्पेस के मुताबिक पिक्सलस्पेस नीत समूह में पियसाइट स्पेस, सैटस्योर एनालिटिक्स इंडिया और ध्रुव स्पेस शामिल हैं। उसने बताया कि यह चारों कंपनियां अगले पांच सालों में पैनक्रोमैटिक, मल्टीस्पेक्ट्रल, हाइपरस्पेक्ट्रल और माइक्रोवेव एसएआर संवेदी से लैस 12 पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों के समूह को कक्षा में स्थापित करेंगी। समूह इसपर अगले पांच साल में 1200 करोड़ से अधिक का निवेश करेगा।
पिक्सल नीत टीम ने एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स लिमिटेड और गैलेक्सआई स्पेस के नेतृत्व वाले समूह को पछाड़कर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (ईओ-पीपीपी) के आधार पर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह तंत्र स्थापित करने की बोली जीती।
इन स्पेस के मुताबिक उपग्रहों का यह तंत्र ‘अति उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे’, वाइड-स्वाथ मल्टीस्पेक्ट्रल, सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) और हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रहों का मिश्रण होगा, जो सटीक कृषि, जल-गुणवत्ता निगरानी, भूमि-उपयोग मानचित्रण, पर्यावरण अनुपालन, आपदा आकलन और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे अनुप्रयोगों में सक्षम बनाएगा।
इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन गोयनका ने बताया, ‘‘यह पहल अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के निजी अंतरिक्ष उद्योग के परिपक्व होने का संकेत देती है। यह भारतीय कंपनियों की बड़े पैमाने पर, तकनीकी रूप से उन्नत और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य अंतरिक्ष मिशनों का नेतृत्व करने की क्षमता और आत्मविश्वास को प्रदर्शित करता है, जो राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ‘हाई-रिजॉल्यूशन’, स्वदेशी उपग्रह डेटा एकत्र करके, यह पहल विदेशी स्रोतों पर भारत की निर्भरता को काफी कम कर देगी, डेटा संप्रभुता सुनिश्चित करेगी और देश को अंतरिक्ष-आधारित डेटा समाधानों में विश्व के अग्रणी देशों में स्थान दिलाएगी।
पीपीपी ढांचे के तहत, सरकार रणनीतिक, तकनीकी और नीतिगत सहायता प्रदान करेगी, जबकि पिक्सलस्पेस इंडिया के नेतृत्व वाला समूह ईओ प्रणाली का स्वामित्व और संचालन करेगा, जिसमें उपग्रह निर्माण, भारतीय धरती से प्रक्षेपण, जमीनी बुनियादी ढांचा और डेटा सेवाओं का व्यावसायीकरण शामिल है।
पिक्सल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवैस अहमद ने कहा, ‘‘भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम (ईओ) के निर्माण के लिए प्रस्ताव हासिल करना, भारत की अंतरिक्ष यात्रा में पिक्सल और हमारे समूह के सदस्यों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस ऐतिहासिक मिशन के लिए हमारे समूह पर भरोसा करने के लिए हम इन-स्पेस और भारत सरकार के आभारी हैं।’’
उन्होंने कहा कि सैटस्योर, ध्रुव और पियरसाइट के साथ मिलकर पिक्सल विश्वस्तरीय अंतरिक्ष-तकनीक क्षमताओं का निर्माण करने के लिए तत्पर है, जो भारतीय धरती से पूरे ग्रह की सेवा करेगी।
अहमद ने कहा, ‘‘यह भारत के लिए अंतरिक्ष-संचालित समाधानों में विश्व का नेतृत्व करने का समय है।’’
ध्रुव स्पेस के सह-संस्थापक और सीईओ संजय नेकांति ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अंतरिक्ष-स्तरीय सौर ऊर्जा प्रणालियों और जमीनी केंद्र समाधानों में ध्रुव स्पेस की ताकत को हमारे समूह भागीदारों की पूरक क्षमताओं के साथ जोड़कर एक संपूर्ण, संप्रभु ईओ पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।’’
सैटस्योर के सह-संस्थापक और सीईओ प्रतीप बसु ने कहा, ‘‘सैटस्योर अपनी सहायक कंपनी कैलीडईओ के साथ मिलकर अपने नए ऑप्टिकल और मल्टी-स्पेक्ट्रल पेलोड का व्यावसायीकरण करके योगदान देगा, जिसकी तस्वीर इतनी स्पष्ट होती हैं जैसे एक मीटर की कम दूरी से तस्वीर ली गई हो।’’
पियरसाइट के सह-संस्थापक और सीटीओ विनीत बंसल ने कहा, ‘‘हमारे मॉड्यूलर, सॉफ्टवेयर-परिभाषित रडार इलेक्ट्रॉनिक्स और तैनाती योग्य-एंटीना हमें तेजी से इन स्पेस के चरणबद्ध लक्ष्यों के साथ संरेखित करने में सक्षम बनाते हैं।’’
इन स्पेस में तकनीकी निदेशालय के निदेशक राजीव ज्योति ने कहा, ‘‘यह परियोजना भारत के अपने स्वतंत्र और भविष्य के लिए तैयार भू-स्थानिक बुनियादी ढांचे के निर्माण से संबधित है। यह भारत के लिए ‘हाई-रिज़ॉल्यूशन ऑप्टिकल और रडार डेटा में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भरता) की ओर ले जाएगा, नवाचार को उत्प्रेरित करेगा, हजारों उच्च-कौशल वाली नौकरियां पैदा करेगा और 2022 में भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 8.4 अरब अमेरिकी डॉलर से 2033 तक 44 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने के हमारे लक्ष्य में सीधे योगदान देगा।’’
भाषा धीरज