अनुसंधान में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा भारत: प्रधानमंत्री मोदी
अमित नेत्रपाल
- 12 Aug 2025, 08:11 PM
- Updated: 08:11 PM
मुंबई, 12 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत अनुसंधान में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है।
मुंबई में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी पर 18वें अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि भारत में परंपरा और नवाचार का मेल है।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत के पास दुनिया की सबसे ऊंची खगोलीय वेधशालाओं में से एक लद्दाख में स्थित है। तारों पर अध्ययन करने के लिए यह वेधशाला समुद्र तल से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग की शक्ति में विश्वास करता है।’’
विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर मोदी ने कहा, ‘‘हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाले पहले देश थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत वैज्ञानिक जिज्ञासा को पोषित करने और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अटल टिंकरिंग लैब्स में एक करोड़ से अधिक छात्र व्यावहारिक प्रयोगों के माध्यम से एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) अवधारणाओं को समझ रहे हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘इससे सीखने और नवाचार की संस्कृति का निर्माण हो रहा है। ज्ञान तक पहुंच को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए, हमने ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना शुरू की है। यह लाखों छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तक निःशुल्क पहुंच प्रदान करती है।’’
उन्होंने कहा कि भारत एसटीईएम क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के मामले में एक अग्रणी देश है। उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न पहलों के तहत, अनुसंधान में अरबों डॉलर का निवेश किया जा रहा है। हमने दुनिया भर से आप जैसे युवा प्रतिभाओं को भारत में अध्ययन, अनुसंधान और सहयोग के लिए आमंत्रित किया। कौन जानता है, हो सकता है कि अगली बड़ी वैज्ञानिक खोज ऐसी साझेदारियों से ही जन्म ले।’’
मोदी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम ब्रह्मांड का अन्वेषण करते हैं, हमें यह भी पूछना चाहिए कि अंतरिक्ष विज्ञान धरती पर लोगों के जीवन को और कैसे बेहतर बना सकता है, किसानों को कैसे और सटीक मौसम पूर्वानुमान मुहैया कराये जा सकते हैं, क्या हम प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी कर सकते हैं, क्या हम जंगलों में लगने वाली आग और पिघलते हिमनद की निगरानी कर सकते हैं, क्या हम दूर-दराज के क्षेत्रों के लिए बेहतर संचार प्रणाली बना सकते हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञान का भविष्य आपके हाथों में है, यह वास्तविक दुनिया की समस्याओं को कल्पना और सहानुभूति के साथ हल करने में है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप पूछें, ‘वहां बाहर क्या है’?’’
मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की भी सराहना की, जो हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के 18 दिवसीय सफल मिशन से लौटे हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘पिछले महीने, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा किया। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण था और आप जैसे युवा खोजकर्ताओं के लिए प्रेरणा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग की ताकत में विश्वास करता है। यह ओलंपियाड इसी भावना को दर्शाता है। मुझे बताया गया है कि यह ओलंपियाड अब तक का सबसे बड़ा है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ऊंचा लक्ष्य रखें, बड़े सपने देखें और याद रखें कि भारत में हम मानते हैं कि आकाश सीमा नहीं है, बल्कि केवल शुरुआत है।’’
खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड (आईओएए) माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी में एक वार्षिक प्रतियोगिता है।
18वां आईओएए 11 से 21 अगस्त तक मुंबई में आयोजित किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई का एक राष्ट्रीय केंद्र है जो परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान होने के साथ-साथ एक डीम्ड विश्वविद्यालय भी है।
भाषा अमित