विपक्ष के विरोध के बीच संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग छह विधेयक पारित
अविनाश सुरेश
- 12 Aug 2025, 10:00 PM
- Updated: 10:00 PM
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) सरकार ने विपक्ष के विरोध को नजरअंदाज करते हुए अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाया और संसद के दोनों सदनों ने मंगलवार को अलग-अलग छह विधेयकों को मंजूरी प्रदान की।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन-सदस्यीय समिति की घोषणा की। न्यायमूर्ति वर्मा भ्रष्टाचार के आरोप का सामना कर रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने न्यायमूर्ति वर्मा को पद से हटाने के लिए बहुदलीय नोटिस को स्वीकार कर लिया, जिससे महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो गई।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दे को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा ने दो विधेयकों- 'खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक' तथा 'भारतीय पत्तन विधेयक' को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। लोकसभा में कुछ नोकझोंक भी हुई, जब विपक्षी सदस्यों ने कागज फाड़े और उसके टुकड़े आसन की ओर फेंक दिए।
एसआईआर मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में बहिर्गमन किया और सरकार ने संक्षिप्त बहस के बाद चार विधेयक पारित करा लिये। चार विधेयकों में दो विधेयक खेल से जुड़े हैं, जबकि दो विधेयक वित्त मंत्रालय से संबंधित हैं।
विपक्षी सदस्यों के सदन से बहिर्गमन के बाद, राज्यसभा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
राज्यसभा ने दो धन विधेयकों- आयकर विधेयक और कराधान विधि (संशोधन) विधेयक- को भी संक्षिप्त चर्चा एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा ने सोमवार को दोनों विधेयकों को पारित कर दिया था।
सीतारमण ने दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया और आसन से आग्रह किया कि इसे गहन विचार के लिए सदन की प्रवर समिति को भेजा जाए।
संसद के दोनों सदनों की अगली बैठक पांच दिन के स्वतंत्रता दिवस अवकाश के बाद 18 अगस्त को होगी।
लोकसभा में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन ने उस समय उग्र रूप ले लिया जब कुछ सदस्यों ने कागज़ फाड़कर आसन की ओर फेंक दिया।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने इस आचरण की निंदा करते हुए कहा कि विपक्ष ने आसन का अपमान किया है और सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा कई साल तक विपक्ष में रही, लेकिन उसने कभी इस तरह की हरकत नहीं की।
इससे पहले दिन में, अध्यक्ष ओम बिरला ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन-सदस्यीय समिति की घोषणा की। उस समय सदन में कार्यवाही व्यवस्थित थी। बिरला ने कहा कि उन्हें 21 जुलाई को रविशंकर प्रसाद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित 146 सदस्यों का एक प्रस्ताव मिला था, जिसमें न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की मांग की गई थी।
भाषा अविनाश