धराली में खराब मौसम के बीच नौवें दिन भी तलाश एवं बचाव अभियान जारी
सं दीप्ति नोमान
- 13 Aug 2025, 04:58 PM
- Updated: 04:58 PM
उत्तरकाशी, 13 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड के आपदाग्रस्त धराली में लापता लोगों का पता लगाने के लिए तलाश एवं बचाव अभियान खराब मौसम के बीच बुधवार को नौवें दिन भी जारी रहा।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) से मिली जानकारी के अनुसार, खीरगाड़ नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने से खोज एवं बचाव दलों के आवागमन के लिए लकड़ी और लोहे के पाइप से बनाई गई अस्थायी लिंक पुलिया मंगलवार को बह गई थी जिसे पुनः तैयार किया गया है। जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र में ‘ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) विधि से खोजबीन के लिए बनाये गए गड्ढों में भरे पानी को भी निकाल दिया गया।
यूएसडीएमए ने बताया कि धराली में सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) एवं कई अन्य केंद्रीय एवं राज्य एजेंसियों द्वारा लगातार तलाश, राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में खोजी कुत्तों के दल जहां-जहां भी संकेत दे रहे हैं, वहां खुदाई कर लापता लोगों को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल फोन की लोकेशन से भी लापता लोगों की तलाश की जाएगी। आपदा के बाद से ही नेपाल, बिहार तथा अन्य स्थानों के लोग अपने परिजनों की तलाश में धराली पहुंच रहे हैं।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि लापता लोगों का पता लगाने के लिए उनके मोबाइल फोन की लोकेशन देखी जाएगी। उन्होंने बताया कि मोबाइल टावरों में फोन नंबरों की लोकेशन से जुड़ी जानकारी दर्ज होती है और पांच अगस्त को व्यक्ति कहां-कहां मौजूद था, इसका पता लगाने के लिए उस दिन के मोबाइल लोकेशन डेटा की जांच की जाएगी।
सुमन ने बताया कि प्रशासन अभी उन सभी लोगों की सूचना दर्ज कर रहा है जो अपने लोगों के लापता होने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोग अपने लापता परिजनों के मोबाइल नंबर उपलब्ध करा रहे हैं, और उनका मूवमेंट ट्रैक किया जाएगा तथा मोबाइल नंबर पर दर्ज पते से मिलान किया जाएगा और इसके बाद संबंधित जिले में इसकी जांच कराई जाएगी।
यूएसडीएमए ने बताया कि आपदा के बाद हर्षिल हेलीपैड के निकट भागीरथी नदी का जलप्रवाह रूकने से बनी झील को खोलने के प्रयास ‘यूजेवीएन लिमिटेड’ तथा सिंचाई विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। झील में फंसे हुए लकड़ी के लट्ठों को काट कर हटाया गया है और जल निकासी के लिए श्रमिक हाथ से भी काम रहे हैं ।
उसके मुताबिक, एनडीआरएफ की दो आउटबोर्ड मोटर (ओबीएम) बोट भी झील को खोलने में सहायता के लिए हर्षिल पहुंच गयी है।
पांच अगस्त को खीरगाड़ नदी में अचानक आयी भीषण बाढ़ से धराली में कई होटल, मकान और ‘होमस्टे’ जमींदोज हो गए थे । प्रशासन ने आपदा में एक की मृत्यु होने तथा 68 अन्य के लापता होने की पुष्टि की है।
लापता लोगों में सेना के नौ जवानों के अलावा धराली गांव के आठ, आसपास के क्षेत्रों के पांच, टिहरी जिले का एक, बिहार के 13, उत्तर प्रदेश के छह, राजस्थान का एक और नेपाल के 25 नागरिक शामिल हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य एवं राहत सामग्री तथा उपकरण पहुंचाने का काम किया जा रहा है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि हर्षिल में मौसम खराब होने के कारण सामान लेकर जा रहा एक एमआई-17 तथा एक चिनूक हेलीकॉप्टर रास्ते से ही चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वापस लौट आए।
उधर, बुधवार को दो चिनूक हेलीकॉप्टरों को धरासू में तैनात किया गया ताकि प्रभावित क्षेत्रों तक आवश्यक उपकरणों तथा संसाधनों को पहुंचाने में कम समय लगे। उत्तर प्रदेश के बरेली से एक और एलएलएच हेलीकॉप्टर बुधवार को बचाव अभियान में शामिल हो गया और उसे धरासू में ही तैनात किया गया है।
वहीं, आपदाग्रस्त क्षेत्र तक सड़क संपर्क बहाल करने का कार्य भी जोरों पर चल रहा है।
उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लिमचागाड़ में बेली पुल का निर्माण होने के बाद अब डबरानी से सोनगाड़ तथा हर्षिल से धराली के बीच बाधित मार्ग को दुरुस्त किया जा रहा है।
केंद्र के अनुसार, डबरानी से सोनगाड़ के बीच पांच किलोमीटर के हिस्से में तीन स्थानों पर 600 मीटर भाग क्षतिग्रस्त है जबकि हर्षिल से धराली के बीच 350 मीटर भाग में भूस्खलन का मलबा फैला हुआ है।
भाषा सं दीप्ति