रेल मंत्रालय ने स्टेशन पर एकल ब्रांड प्रीमियम स्टोर खोलने की अनुमति दी
धीरज नरेश
- 13 Aug 2025, 06:43 PM
- Updated: 06:43 PM
नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा)रेल मंत्रालय ने विभिन्न जोन से कहा है कि यदि मांग और औचित्य हो तो वे ई-नीलामी के जरिये विभिन्न स्टेशन पर एकल ब्रांड, कंपनी के स्वामित्व वाली प्रीमियम दुकान के लिए स्थान आवंटित कर सकते हैं।
मंत्रालय ने 11 अगस्त, 2025 को जारी एक आधिकारिक पत्र में हवाई अड्डों की तर्ज पर प्रीमियम एकल ब्रांड दुकानें खोलने के संबंध में दिशा-निर्देशों के लिए दक्षिण मध्य रेलवे के प्रस्ताव का जवाब दिया। इसमें कहा गया कि मामले की जांच करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि दुकानें मौजूदा नीति के तहत आवंटित की जा सकती हैं न कि नामांकन के आधार पर।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘संबंधित मंडल/जोन यात्रियों की संख्या, स्थान की उपलब्धता, यात्री जनसांख्यिकी और अन्य प्रासंगिक स्टेशन-विशिष्ट विशेषताओं के आधार पर प्रीमियम स्थानों और उपयुक्त उत्पाद/सेवा श्रेणियों की पहचान करेंगे।’’
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि दुकानों का आवंटन ई-नीलामी नीति के अनुसार किया जाएगा।
उसने कहा, ‘‘ऐसे ठेके देने के लिए, ई-नीलामी मॉड्यूल के भीतर एक समर्पित ‘‘प्रीमियम स्टोर्स’’ खंड बनाया जा सकता है। सफल बोलीदाता आउटलेट के लिए ब्रांड/ब्रांडों का निर्णय ले सकता है।’’
पत्र में कहा गया कि जोन सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी दुकानें स्टेशन के माहौल और भारतीय रेलवे की छवि को बेहतर बनाएं।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘संबंधित मंडल आवश्यकतानुसार अनुबंध की विशेष शर्तें तैयार कर सकते हैं।’’
इससे पहले, दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि उसके कई स्टेशन के पुनर्विकास कार्य, प्रमुख उन्नयन और एबीएसएस (अमृत भारत स्टेशन योजना) को चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
एससीआर ने कहा, ‘‘यात्रियों को प्रदान की जा रही विश्व स्तरीय सुविधाओं के अनुरूप, यात्रा में इस्तेमाल समान की कंपनियों (सैमसोनाइट/अमेरिकन टूरिस्टर/वीआईपी आदि), परिधान (एरो/वैन ह्यूसेन/पीटर इंग्लैंड/बीबा आदि), जूते और स्पोर्ट्स गियर (नाइकी/एडिडास/रीबॉक आदि) और अन्य वस्तुओं जैसे विभिन्न गैर-खानपान श्रेणियों के प्रीमियम सिंगल ब्रांड की दुकानों को स्टेशन पर खोलने की अनुमति देने की आवश्यकता है, जैसा कि हवाई अड्डों पर यात्रियों को दी जाती है।’’
एससीआर ने इसी के साथ इस संबंध में मंत्रालय से दिशानिर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया था।
भाषा धीरज