आईओए को आईओसी से रोका गया ओलंपिक अनुदान वापस मिलने की उम्मीद
सुधीर नमिता
- 13 Aug 2025, 06:46 PM
- Updated: 06:46 PM
(फिलेम दीपक सिंह)
नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) आंतरिक कलह से उबरने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अब ओलंपिक सॉलिडेरिटी अनुदान वापस पाने की उम्मीद कर रहा है जिसे पिछले साल अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने देश की शीर्ष खेल संस्था में अंदरूनी कलह के कारण रोक दिया था।
आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल आठ अक्टूबर को खिलाड़ी विकास कार्यक्रमों के लिए दिया जाने वाला अनुदान रोक दिया था। यह अनुदान आईओए की 26 सितंबर 2024 को हुई एक बैठक के बाद रोका गया था जिसमें कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों ने रघुराम अय्यर को खेल संस्था का सीईओ नियुक्त करने की पुष्टि करने से इनकार कर दिया था।
लेकिन अब विवाद खत्म हो गया है और आईओए अध्यक्ष पीटी उषा को उम्मीद है कि आईओसी जल्द ही अनुदान जारी कर देगा। 24 जुलाई को उषा और कार्यकारी परिषद के बहुमत वाले विद्रोही सदस्यों के बीच समझौता होने के बाद बुधवार को एक विशेष आम सभा (एसजीएम) और कार्यकारी परिषद की बैठक सुचारू रूप से संपन्न हुई।
उषा ने भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की दावेदारी को मंज़ूरी देने के लिए बुलाई गई आईओए की एसजीएम से इतर पीटीआई से कहा, ‘‘आईओसी को खुशी होगी कि हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमने अब तक बहुत कुछ किया है और हम फिर बैठक करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (आईओसी) जो कुछ भी रोक रखा है वह अब हमें मिलेगा। उन्होंने हमारा ओलंपिक सॉलिडैरिटी अनुदान रोक रखा है। हम विशेष आम बैठक का इंतजार कर रहे थे। हम उन्हें रिपोर्ट देंगे और फिर वे पैसा जारी करेंगे।’’
उषा ने कहा, ‘‘वह (ओलंपिक सॉलिडैरिटी) कोई छोटी रकम नहीं है। यह 15 करोड़ रुपये है। हम इसे हासिल करेंगे।’’
ओलंपिक सॉलिडेरिटी सभी राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों (एनओसी) को सहायता प्रदान करती है जो ओलंपिक खेलों के प्रसारण अधिकारों का एक हिस्सा है और इसका उपयोग खिलाड़ी विकास कार्यक्रमों के लिए किया जाता है।
आईओए की आम सभा ने सर्वसम्मति से 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत की दावेदारी को मंजूरी दे दी। भारत इस प्रतियोगिती की मेजबानी के लिए प्रबल दावेदार बनकर उभरा है।
अय्यर ने कहा कि यदि भारत को मेजबानी मिलती है तो वे यह सुनिश्चित करेंगे कि यह प्रतियोगिता तकनीक-संचालित हो जिसमें कृत्रिम मेधा (एआई) का समावेश हो।
उन्होंने कहा, ‘‘2030 का राष्ट्रमंडल खेल तकनीक-संचालित होगा और इसमें कृत्रिम मेधा (एआई) को शामिल करने पर जोर दिया जाएगा।’’
नई आईओसी अध्यक्ष क्रिस्टी कोवेंट्री ने घोषणा की है कि ओलंपिक मेजबान चयन प्रक्रिया को रोक दिया गया है और भविष्य के मेजबान की पहचान के लिए ‘उचित समय’ तय करने हेतु एक कार्य समूह का गठन किया जा रहा है।
अय्यर ने कहा कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए आशय पत्र सौंप चुका आईओए पूरी प्रक्रिया पर ‘विराम’ के बावजूद आईओसी के संपर्क में है।
उन्होंने कहा, ‘‘‘हम लगातार बातचीत कर रहे हैं... आज मैं फोन करके आईओसी से पूछ सकता हूं कि क्या कोई संदेह है। वे (आईओसी) हमें फोन करके कुछ चीजों के बारे में पूछ सकते हैं।’’
अय्यर ने कहा, ‘‘उन्होंने खुद रुककर विचार करने का फैसला किया है। वे इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ओलंपिक के आवंटन के पूरे विचार को वे किस तरह से देखना चाहते हैं। वे इस पर पुनर्विचार चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम उनसे मिले तो यह एक कार्यशाला जैसा था जिसमें हमें क्या करना है इस पर चर्चा हुई, स्थिरता पर, विविधता पर, समान अवसर पर और अधिक महिलाओं के आने पर... इन सभी बातों पर काफी चर्चा हुई।’’
यह पूछे जाने पर कि 2036 ओलंपिक के लिए बोली समिति कब बनेगी, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब सब कुछ बन जाएगा। बस समिति की कुछ रूपरेखाएं हैं। आपको इसके बारे में जल्द ही पता चलेगा।’’
भाषा सुधीर