सपा के पोस्टर में बच्ची की मौत को लेकर भाजपा सांसद रवि किशन पर निशाना
सं आनन्द नोमान
- 13 Aug 2025, 07:15 PM
- Updated: 07:15 PM
गोरखपुर (उप्र), 13 अगस्त (भाषा) गोरखपुर में खुले नाले में गिरने से आठ साल की बच्ची की मौत के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने एक पोस्टर के जरिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय सांसद रवि किशन शुक्ला पर निशाना साधा है।
भाजपा सांसद शुक्ला ने सपा पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल को गरीबों की समझ नहीं है।
गोरखपुर के आंबेडकर चौक पर समाजवादी पार्टी (सपा) के एक नेता द्वारा पोस्टर लगाया गया है, जिसमें भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन समोसा पकड़े हुए दिख रहे हैं। इस पोस्टर ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है और बुधवार सुबह से ही यह सोशल मीडिया पर यह तेजी से साझा किया जा रहा है।
इस पोस्टर में एक तरफ मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के ज़िला अध्यक्ष अविनाश तिवारी और दूसरी तरफ रवि किशन की तस्वीरें हैं। सांसद को 'संसद रत्न' पुरस्कार मिलने पर बधाई देने के साथ-साथ, पोस्टर में उनके प्रदर्शन पर तंज भी कसा गया है, जिसमें लिखा है कि "आलू समोसे जैसे ज्वलंत राष्ट्रीय मुद्दे को संसद में उठाने के बाद, सांसद रवि किशन को संसद रत्न से सोम्मानित किया जाता है। अगर आपने गोरखपुर के जलभराव संकट पर ध्यान केंद्रित किया होता, तो आठ साल की आफरीन अब भी ज़िंदा होती।"
अविनाश तिवारी ने आरोप लगाया, "समोसे जैसे विषयों पर बात करने के बजाय, सांसद को जलभराव की समस्या पर ध्यान देना चाहिए था। अगर कार्रवाई की गई होती, तो आफ़रीन की जान नहीं जाती।"
रवि किशन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैंने एक ऐसा मुद्दा उठाया जो सीधे तौर पर ग़रीबों से जुड़ा है और स्वास्थ्य से जुड़ा है। मैं इसके ख़िलाफ़ क़ानून बनाने की मांग करूंगा। सपा को ग़रीबों की कोई समझ नहीं है—उनके ज़माने में माफ़िया राज चलता था, और वंचितों को कुचला जाता था। उन्हें ग़रीबों की भाषा समझ नहीं आती।"
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को तिवारीपुर थाना क्षेत्र के घोसीपुर मोहल्ले में लाला टोली निवासी अनीस की बेटी आफरीन (आठ) मदरसे में पढ़ने के बाद घर लौट रही थी, तभी भारी बारिश के दौरान उसका पैर फिसल गया और वह खुले नाले में गिर गई। स्थानीय लोगों ने उसे बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लोकसभा में रवि किशन ने ढाबों और होटलों में मिलने वाले समोसे, वड़ा पाव आदि खाद्य पदार्थों के मानक निर्धारित करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि किसी भी ढाबे या होटल में खाद्य पदार्थों की मात्रा, गुणवत्ता, कीमत आदि का मानकीकरण नहीं किया गया है। कहीं समोसा बड़ा मिलता है तो कहीं उतनी ही कीमत में छोटा।
भाषा सं आनन्द