डूसू चुनाव: ‘आप’ छात्र इकाई ने उम्मीदवारों के लिए एक लाख रुपये के बॉन्ड नियम की आलोचना की
जितेंद्र नेत्रपाल
- 13 Aug 2025, 07:54 PM
- Updated: 07:54 PM
नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) की छात्र शाखा ‘एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स’ (एएसएपी) ने बुधवार को छात्र संघ चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक लाख रुपये का बॉन्ड भरना अनिवार्य किए जाने के दिल्ली विश्वविद्यालय के नियम की आलोचना की।
उन्होंने इस फैसले को मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों को चुनाव से बाहर रखने के लिए ‘‘जानबूझकर रची गई एक साजिश’’ करार दिया।
विश्वविद्यालय की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
डीयू ने डूसू चुनावों के लिए और ‘विश्वविद्यालय/कॉलेज परिसर व उसके आसपास विरूपण-रोधी दिशानिर्देश-उपायों के तहत आठ अगस्त को बॉन्ड की अनिवार्यता अधिसूचित की थी।
दिशानिर्देशों के मुताबिक, “चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को डूसू के किसी भी पद के लिए नामांकन दाखिल करते समय विरूपण/उल्लंघन के अपराध के लिए एक लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा।”
‘एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स’ की दिल्ली इकाई के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप बिधूड़ी ने कहा कि यह आदेश एक ‘‘तुगलकी फरमान’’ है, जिससे कई आम विद्यार्थियों के लिए चुनाव लड़ना असंभव हो जाएगा।
उन्होंने पूछा, “अगर कोई छात्र चारों पदों के लिए नामांकन दाखिल करता है, तो वह चार लाख रुपये का इंतजाम कहां से करेगा?”
विश्वविद्यालय की संपत्ति को गंदगी से बचाने के उद्देश्य से बनाए गए इन दिशानिर्देशों में रैलियों, लाउडस्पीकरों और रोड शो पर भी रोक लगाई गई है तथा प्रचार अभियान को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक सीमित रखा गया है।
ये दिशानिर्देश विश्वविद्यालय को उल्लंघन के लिए जुर्माने, निलंबन या यहां तक कि निष्कासन की भी की अनुमति देते हैं।
जाकिर हुसैन कॉलेज इकाई के अध्यक्ष शैलेश यादव ने सवाल उठाया कि क्या यह व्यवस्था एक निविदा प्रक्रिया है जहां सीटों की ‘नीलामी’ उन लोगों के लिए की जाती है, जो बॉन्ड का भुगतान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “यह विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय है। डीयू प्रशासन को विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने चाहिए।”
विश्वविद्यालय ने परिसर की गरिमा बनाए रखने और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए इन उपायों को आवश्यक बताया है।
भाषा जितेंद्र