‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर घर-घर पहुंचेगी मप्र कांग्रेस, भाजपा ने लगाया लोकतंत्र को बदनाम करने का आरोप
ब्रजेन्द्र नोमान
- 13 Aug 2025, 08:30 PM
- Updated: 08:30 PM
भोपाल, 13 अगस्त (भाषा) प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को घोषणा की कि वह मतदाता सूचियों में कथित धांधली के मुद्दे पर मध्यप्रदेश के हर घर और हर बूथ तक पहुंचेगी और ‘वोटी चोरी’ के आरोपों को लेकर जनता के बीच जागरूकता अभियान चलाएगी।
पार्टी ने इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल जुलूस’ और ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ रैली आयोजित करने की घोषणा की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का हवाला देते हुए पिछले बृहस्पतिवार को दावा किया था कि कर्नाटक में बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक मतों की ‘चोरी’ की गई, जबकि इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार को 32 हजार वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस नेता के दावे को आधारहीन बताया था और कहा था कि वह या तो शपथ पत्र दें या फिर माफी मांगें।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने पार्टी की प्रदेश की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मध्यप्रदेश में वोट चोरी के खिलाफ मुहिम को हम हर बूथ, हर घर तक ले जाकर जनता को जागरूक करेंगे और वोट चोरी का पर्दाफाश करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि ‘वोट चोरी’ सिर्फ एक वोट के अधिकार का हनन नहीं बल्कि यह देश के लोकतंत्र और संविधान पर चोट है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि 14 अगस्त की रात को सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस पार्टी 'लोकतंत्र बचाओ मशाल जुलूस' का आयोजन करेगी और 22 अगस्त से सात सितंबर तक 'वोट चोर-गद्दी छोड़' रैली का आयोजन किया जाएगा।
राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सत्य और न्याय की लड़ाई लड़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज पूरा देश जानना चाहता है कि क्या निर्वाचन आयोग संविधान और लोकतंत्र के साथ खड़ा है, या किसी एक राजनीतिक दल के पक्ष में। निर्वाचन आयोग का कार्य जनसुविधा सुनिश्चित करना है, न कि नागरिकों के लिए कठिनाइयां खड़ी करना।’’
तनखा ने कहा कि जब 300 से अधिक सांसद शांतिपूर्ण विरोध करते हैं और उन्हें निर्वाचन आयोग तक जाने से रोका जाता है जो लोकतंत्र के लिए ‘चिंताजनक’ संकेत है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने जो वोट चोरी का मुद्दा उठाया है, यह कोई राजनीतिक लाभ-हानि का सवाल नहीं, बल्कि अधिकारों और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इसमें केवल कांग्रेस ही नहीं, पूरा देश शामिल है।’’
उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘कैशलेस’ अर्थव्यवस्था और ई-पेपर की बात करते हैं तो निर्वाचन आयोग डिजिटल मतदाता सूची जारी करने से क्यों बच रहा है।
पटवारी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी के सवाल का जवाब निर्वाचन आयोग को देना चाहिए, लेकिन बार-बार भाजपा के नेता ही बचाव में उतर आते हैं।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘वोट चोरी’ के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस पर लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को ‘बदनाम’ करने का आरोप लगाया।
राज्य सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी का शासन रहा और वह शुरू से देश के लोकतंत्र और निष्पक्ष संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करती रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘वोट चोरी जैसे शब्द का प्रयोग करके राहुल गांधी देश के लोकतंत्र को अपमानित करने का काम कर रहे हैं।’’
सांरग ने कहा कि 1952 में जब बाबा साहेब आंबेडकर ने चुनाव लड़ा था तक पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्वयं उन्हें चुनाव हराने के लिए षडयंत्र रचा था।
उन्होंने दावा किया कि उनके चुनाव में 74,433 वोटों को खारिज कराया गया था जबकि आंबेडकर सिर्फ 14,561 वोटों से चुनाव हारे थे।
सारंग ने कहा, ‘‘उसके बाद यह सिलसिला लगातार चलता रहा। 1952 के बाद 1957, आपातकाल और आपातकाल के बाद भी कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र के दुरुपयोग का प्रयास किया।’’
भाषा ब्रजेन्द्र