ओडिशा में कॉलेज छात्रों के लगातार आत्महत्याओं के बाद पुलिस ने इसके खिलाफ अभियान शुरू किया
प्रीति सुरेश
- 13 Aug 2025, 10:03 PM
- Updated: 10:03 PM
भुवनेश्वर, 13 अगस्त (भाषा) ओडिशा में कॉलेज छात्रों द्वारा लगातार आत्महत्या किए जाने के बाद पुलिस ने राज्य के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं।
ओडिशा का उच्च शिक्षा विभाग युवाओं में बढ़ती आत्महत्या दर से निपटने के लिए राज्य भर के सभी कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में एक अभियान शुरू करने जा रहा है।
राज्य में पिछले चार सप्ताह में चार महिलाओं ने कथित तौर पर आत्महत्या की। इनमें से कॉलेज की तीन छात्राएं थीं।
उत्तरी क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हिमांशु लाल ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘विद्यार्थियों, खासकर महिलाओं में जागरूकता पैदा करना हमारी जिम्मेदारी है। हमने संबलपुर, बरगढ़, बोलांगीर, झारसुगुड़ा और सोनपुर जिलों के कॉलेजों में जागरूकता अभियान शुरू किए हैं।’’
लाल ने कहा कि जागरूकता अभियान में जीवन की वास्तविक कहानियां, मनोवैज्ञानिकों का मार्गदर्शन और छात्रों के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन और परामर्श सेवाओं की जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि उन्हें छात्रों, अभिभावकों और स्थानीय लोगों से जबरदस्त समर्थन मिला है।
स्थानीय पुलिस थानों के अधिकारियों ने मंगलवार और बुधवार को अभियान के दौरान कॉलेजों का दौरा किया और छात्रों को आश्वासन दिया कि पुलिसकर्मी हर समय उनके साथ हैं।
लाल ने बताया कि छात्रों को मौजूदा कानूनों के बारे में जागरूक किया गया तथा उन्हें आत्महत्या के बजाय विभिन्न मुद्दों से निपटने के बारे में भी बताया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस अभियान के दौरान मैंने देखा कि छात्रों और पुलिस के बीच की खाई कम हो रही है। छात्र पुलिसकर्मियों और महिला सुरक्षकर्मियों से परिचित हो रहे हैं तथा पुलिस के सामने अपनी बात रखने का साहस जुटा रहे हैं। यह एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है, जो विद्यार्थियों में आत्महत्या की दर कम करने में मदद करेगा।’’
इसी तरह, पूर्वी क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सत्यजीत नाइक के मार्गदर्शन में कुछ पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को बालासोर में फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज का दौरा किया और एक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
डीएसपी रैंक के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एफएम (फकीर मोहन) कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए 12 अगस्त का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि ठीक एक महीने पहले ‘इंटीग्रेटेड बीएड’ विभाग की द्वितीय वर्ष की एक छात्रा ने आत्मदाह कर लिया था और दो दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। पुलिस के लिए एफएम कॉलेज से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान शुरू करना जरूरी था।’’
भाषा
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