'विजन डॉक्यूमेंट' पर विशेष चर्चा: सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों ने एक-दूसरे पर छोड़े शब्दबाण
सलीम अमित
- 14 Aug 2025, 01:00 AM
- Updated: 01:00 AM
लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने वर्ष 2047 के 'विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' पर चर्चा के औचित्य पर सवाल उठा रहे विपक्ष पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि सिर्फ आने वाली पीढ़ियों के भले के बारे में सोचने वाले राष्ट्र नेता ही भविष्य की नींव को लेकर चर्चा करते हैं, चुनाव जीतने तक की सोच रखने वाले नेता नहीं।
उपाध्याय ने विधानसभा में मानसून सत्र में 'विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' विषय पर आयोजित विशेष चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ''आज यहां विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत बनाने के विजन (दृष्टि) पर चर्चा हो रही है, विपक्ष के सदस्य इस बात पर चिंता व्यक्त कर रहे थे कि 2047 की बात क्यों कर रहे हैं, 2027 देखिये।''
उन्होंने कहा, ''तीन तरह के नेता होते हैं। एक राजनीतिक व्यक्ति होते हैं जो एक चुनाव से अगले चुनाव तक के बारे में सोचते हैं। अपने क्षेत्र के ही बारे में सोचते हैं। एक राजनेता होते हैं जो अगले दशक की सोचते हैं, अपने शहर और अपने जिले के आसपास के बारे में सोचते हैं... और एक राष्ट्र नेता होते हैं जो आने वाली नस्लों और आने वाली पीढ़ियां की सोचते हैं। हमारे योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) राष्ट्र नेता हैं इसीलिए वह 2047 तक की सोच रहे हैं।''
उपाध्याय ने कहा कि विकसित भारत के अभियान में उत्तर प्रदेश अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) सदस्यों से मुखातिब होते हुए कहा, ''वर्ष 2017 में हम सत्ता में आए। उसके बाद 2022 का विधानसभा चुनाव हुआ तो आप मुंगेरीलाल के सपने देख रहे थे, लेकिन हम दोबारा पूर्ण बहुमत से आए।''
परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा, ''बहुत सारे साथियों ने कहा कि 2047 की चर्चा क्यों हो रही है। हमें 2027 की चर्चा होनी चाहिये। सचाई यह है कि हमें 2047 के विकसित भारत में उत्तर प्रदेश के योगदान पर चर्चा करने का अवसर मिला है। 2047 में हम लोग रहें या ना रहें लेकिन आज जो हम चर्चा कर रहे हैं, आने वाली पीढ़ी उसको याद रखेगी। इसीलिये दलगत भावना से उपर उठकर हमें इस अवसर का लाभ लेना चाहिये।''
प्रदेश के कुटीर, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री राकेश सचान ने राज्य के विकास में एमएसएमई इकाइयों के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं। उन्होंने कहा कि यह कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि लगभग दो करोड़ परिवारों को एमएसएमई से रोजगार मिलता है।
मंत्री ने अपने विभाग द्वारा हासिल की गई उपलब्धियां का विस्तार से जिक्र करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश के सभी गरीबों और जरूरतमंदों के भले के लिए काम कर रही है।
राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल, सतीश शर्मा और कपिल देव अग्रवाल ने भी चर्चा में भाग लिया।
समाजवादी पार्टी की सदस्य पल्लवी पटेल ने अपने सम्बोधन में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ''विकसित भारत का जो लक्ष्य लेकर हम चले हैं वह व्यापक और सतत विकास को प्राप्त करने पर केंद्रित होना चाहिए, ना कि शीर्ष प्रणाली और शीर्ष रैंकिंग आर्थिक रूप से हासिल करने पर होना चाहिए। हम यह जरूर कहना चाहेंगे कि आज सरकार को इस बात का अध्ययन करने की बहुत जरूरत है कि आज हम मात्र विकसित देश होने की बात कर रहे हैं, सिर्फ विकास की ओर देख रहे हैं, अभी विकसित हैं नहीं।''
उन्होंने भाजपा पर तंज करते हुए कहा, ''जापान वह देश है जिसने गौतम बुद्ध की सिर्फ उपदेशों को सुना, उसका पालन किया है और विकसित देश बन गया है... और हम वह देश हैं जिसकी धरती में और जिसके कण—कण में तथागत गौतम बुद्ध व्याप्त हैं लेकिन हम आज गाय और गोमूत्र के नाम पर विकास की बातें कर रहे हैं।''
पटेल ने कहा, ''भारतीय जनता पार्टी की सरकार इन्हीं तमाम चीजों को आगे लेकर विकास और ‘विजन’ को बाधित कर रही है जबकि यथार्थवादी सोच वैज्ञानिक सोच से ही हम इस देश को आगे बढ़ने का काम कर सकते हैं।''
उन्होंने साम्प्रदायिक राजनीति की तरफ इशारा करते हुए कहा, ''मैं यह जरूर कहूंगी कि अगर हमने अपने किसी राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए किसी भी सामाजिक समूह के साथ भेदभाव किया, शोषण किया, पहचान देखकर दमन किया तो विकसित प्रदेश बनाने की बात करना एक धोखा और छलावा है।''
इसके अलावा भाजपा सदस्य प्रदीप शुक्ला, सपा सदस्य प्रभु नाथ यादव और जियाउद्दीन रिजवी समेत सत्तापक्ष और विपक्ष के अनेक सदस्यों ने सदन में अपनी बात रखी।
विधानसभा में 'विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' विषय पर 24 घंटे की चर्चा की जा रही है। यह चर्चा आज पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई थी। समाचार लिखे जाने तक यह चर्चा जारी है। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के सदन को सम्बोधित करने की सम्भावना है।
भाषा सलीम