नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भारत में चीनी निवेश पर प्रतिबंध हटाने की वकालत की
निहारिका वैभव
- 14 Aug 2025, 11:38 AM
- Updated: 11:38 AM
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने चीन से भारत में निवेश पर प्रतिबंध हटाने की वकालत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा एवं रोजगार सृजन होगा।
कुमार ने ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि चीन अन्य देशों में एक महत्वपूर्ण विदेशी निवेशक बन गया है और भारत को उस निवेश की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मेरा मानना है कि भारत में चीनी निवेश की अनुमति देने पर गंभीरता से विचार करने का समय आ गया है।’’
भारत और चीन ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं। जून 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिसंक झड़पों के बाद से द्विपक्षीय संबंध काफी खराब हो गए थे।
कुमार ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि मुझे लगता है कि अब ‘प्रेस नोट-3’ को हटाने का समय आ गया है जो पड़ोसी देशों से निवेश को नियंत्रित करता है।’’
कुमार ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, एकमात्र पड़ोसी देश जो मायने रखता है वह चीन है।’’
सरकार ने 2020 के ‘प्रेस नोट 3’ के तहत भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से विदेशी निवेश के लिए पूर्वानुमति अनिवार्य कर दी है। ये देश चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल और अफगानिस्तान हैं।
उन्होंने कहा कि चीन से निवेश आने से भारत में स्थानीय स्तर पर चीजें बनाने में मदद मिलेगी।
कुमार ने कहा, ‘‘यदि आप चीनी विनिर्माण निवेश की अनुमति देते हैं, तो वे यहां विनिर्माण करेंगे, उत्पादन करेंगे और संभवतः वे भारत से निर्यात भी कर सकेंगे।’’
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के आंकड़ों के अनुसार चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है जिसका 2023-24 में द्विपक्षीय कारोबार 118.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था जो अमेरिका से थोड़ा अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करने की उम्मीद है। वह सात साल से अधिक समय के बाद चीन की यात्रा कर सकते हैं। मोदी 29 अगस्त के आसपास जापान की यात्रा पर जाएंगे।
यात्रा समाप्त होने के बाद वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए तियानजिन जाएंगे। एससीओ शिखर सम्मेलन 31 अगस्त और एक सितंबर को आयोजित किया जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा पर किए एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, ‘‘हमें इसके प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। ’’
भाषा निहारिका