रेणुकास्वामी हत्याकांड : उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता दर्शन की जमानत रद्द की
सिम्मी मनीषा
- 14 Aug 2025, 12:29 PM
- Updated: 12:29 PM
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने रेणुकास्वामी हत्याकांड में अभिनेता दर्शन और अन्य आरोपियों को दी गई जमानत रद्द करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भले ही कोई व्यक्ति कितना भी लोकप्रिय क्यों न हो, कानून के समक्ष सभी समान हैं।
न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इसमें कई खामियां हैं।
शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को दर्शन एवं अन्य आरोपियों को तुरंत हिरासत में लेने तथा शीघ्रता से सुनवाई का आदेश दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘हमने हर पहलू पर विचार किया। जमानत देने और उसे रद्द करने पर भी...। यह स्पष्ट है कि उच्च न्यायालय के आदेश में गंभीर खामियां हैं और यह एक यांत्रिक तरीके को दर्शाता है। इसके अलावा उच्च न्यायालय ने सुनवाई से पहले के चरण में ही समीक्षा शुरू कर दी।’’
पीठ ने कहा, ‘‘अधीनस्थ अदालत ही उचित मंच है। पुख्ता आरोपों और फोरेंसिक साक्ष्यों से जमानत रद्द करने के आधार की पुष्टि होती है। याचिकाकर्ता की जमानत रद्द की जाती है।’’
न्यायमूर्ति पारदीवाला ने मामले में अपने विचार पढ़ते हुए कहा कि यह फैसला यह संदेश देता है कि आरोपी चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, वह कानून से ऊपर नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें एक कड़ा संदेश है कि न्याय प्रदान करने वाली प्रणाली को किसी भी कीमत पर और हर स्तर पर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून का शासन कायम रहे। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर या किसी से नीचे नहीं है। न ही इसका पालन करते समय हमें किसी की अनुमति चाहिए। समय की मांग है कि हर समय कानून का शासन कायम रहे।’’
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को कारागार में आरोपियों को विशेष सुविधाएं देने के खिलाफ भी आगाह किया।
अदालत ने कहा, ‘‘जिस दिन हमें यह पता चला कि आरोपियों को पांच सितारा सुविधाएं दी जा रही हैं तो पहला कदम अधीक्षक और अन्य सभी अधिकारियों को निलंबित करने का होगा।’’
यह फैसला दर्शन और सह-आरोपियों को जमानत देने के राज्य उच्च न्यायालय के 13 दिसंबर, 2024 के आदेश के खिलाफ कर्नाटक सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनाया गया।
दर्शन पर अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर 33 वर्षीय रेणुकास्वामी नामक एक प्रशंसक का अपहरण करने और उसे प्रताड़ित करने का आरोप है। रेणुकास्वामी ने पवित्रा को कथित तौर पर अश्लील संदेश भेजे थे।
पुलिस ने आरोप लगाया कि रेणुकास्वामी को जून 2024 में तीन दिन तक बेंगलुरु के एक ‘शेड’ में रखा गया, प्रताड़ित किया गया और उसका शव एक नाले से बरामद हुआ।
शीर्ष अदालत ने 24 जनवरी को राज्य सरकार की याचिका पर दर्शन, गौड़ा और अन्य को इस मामले में नोटिस जारी किए थे।
भाषा सिम्मी