आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ : राष्ट्रपति
अविनाश
- 14 Aug 2025, 08:39 PM
- Updated: 08:39 PM
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए बृहस्पतिवार को देश एवं सशस्त्र बलों के फौलादी संकल्प की सराहना की और कहा कि यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने भारत की इस सामरिक सफलता के साथ ही आर्थिक विकास, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, राष्ट्रीय खेल नीति, कल्याणकारी योजनाओं के लाभ, डिजिटल भुगतान की कामयाबी तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया।
राष्ट्रपति ने पहलगाम हमले की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह कायरतापूर्ण और नितांत अमानीय कृत्य था।
मुर्मू ने कहा, ‘‘इस वर्ष, हमें आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा। कश्मीर घूमने गए निर्दोष नागरिकों की हत्या, कायरतापूर्ण और नितांत अमानवीय थी। इसका जवाब भारत ने फौलादी संकल्प के साथ निर्णायक तरीके से दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न सामने आता है तब हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम सिद्ध होते हैं। रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी दक्षता के साथ, हमारी सेना ने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवाद के विरुद्ध मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा।’’
राष्ट्रपति ने इस बात को रेखांकित किया, ‘‘हमारी एकता ही हमारी जवाबी कार्रवाई की सबसे बड़ी विशेषता थी। यही एकता, उन सभी तत्वों के लिए सबसे करारा जवाब भी है जो हमें विभाजित देखना चाहते हैं।’’
उनके अनुसार, भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट करने के लिए, विभिन्न देशों में गए संसद-सदस्यों के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में भी हमारी यही एकता दिखाई दी।
मुर्मू ने कहा कि विश्व समुदाय ने भारत की इस नीति का संज्ञान लिया है कि हम आक्रमणकारी तो नहीं बनेंगे, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने में तनिक भी संकोच नहीं करेंगे।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर, प्रतिरक्षा के क्षेत्र में, ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ की परीक्षा का भी अवसर था। अब यह सिद्ध हो गया है कि हम सही रास्ते पर हैं। हमारा स्वदेशी विनिर्माण उस निर्णायक स्तर पर पहुंच गया है जहां हम अपनी बहुत सी सुरक्षा-आवश्यकताओं को पूरा करने में भी आत्मनिर्भर बन गए हैं। ये उपलब्धियां स्वाधीन भारत के रक्षा इतिहास में एक नए अध्याय का सूत्रपात हैं।’’
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में सात से 10 मई तक पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में देश के विभाजन की विभीषिका का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश के विभाजन से हुई पीड़ा को कदापि नहीं भूलना चाहिए। आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया। विभाजन के कारण भयावह हिंसा देखी गई और लाखों लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर किए गए। आज हम इतिहास की गलतियों के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।’’
मुर्मू ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में समस्याओं के बावजूद भारत पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है तथा मुद्रास्फीति पर नियंत्रण है और निर्यात बढ़ रहा है।
उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है।
मुर्मू ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह आकांक्षा है कि वर्ष 2047 तक भारत एआई का वैश्विक केंद्र बने।
मुर्मू ने इस बात का उल्लेख किया कि डिजिटल युग में भारत में सबसे अधिक प्रगति, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुई है।
उनका कहना था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से दूरगामी बदलाव किए गए हैं तथा शिक्षा को जीवन-मूल्यों और कौशल को परंपरा के साथ जोड़ा गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर अमल करते हुए, अनवरत सुशासन के साथ आगे बढ़ रही है।
मुर्मू ने कश्मीर घाटी को रेल से जोड़े जाने का उल्लेख किया और कहा कि यह एक प्रमुख उपलब्धि है तथा यह उस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नयी आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में शहरीकरण तेज गति से हो रहा है। इसलिए, शहरों की स्थिति सुधारने पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय खेल नीति 2025 के तहत जिन बदलावों की परिकल्पना की जा रही है उनके बल पर भारत एक वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उभरेगा।
उन्होंने अपने संबोधन में इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि विश्व शतरंज चैंपियनशिप के लिए ‘फिडे महिला विश्व कप’ फाइनल मैच में भारत की दो खिलाड़ी दिव्या देशमुख (विजेता) और कोनेरू हम्पी (उप विजेता) आमने-सामने थीं।
राष्ट्रपति ने लोगों का आह्वान किया कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें।
उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए, हमें अपने आप में भी कुछ परिवर्तन करने होंगे।’’
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