चौहान ने राज्यों से यूरिया का दुरुपयोग रोकने, नकली उर्वरकों की बिक्री पर अंकुश लगाने को कहा
राजेश राजेश अजय
- 14 Aug 2025, 07:55 PM
- Updated: 07:55 PM
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) चालू खरीफ बुवाई सत्र में यूरिया की बढ़ती मांग को देखते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकारों से इस प्रमुख उर्वरक का गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग रोकने तथा नकली उर्वरकों की बिक्री पर अंकुश लगाने को कहा।
राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए, चौहान ने उन्हें यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि बाजार में केवल 600 प्रमाणित जैव-उत्तेजक ही बेचे जाएं, जबकि पहले लगभग 30,000 अप्रमाणित उत्पाद बेचे जाते थे।
एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘चौहान ने सभी राज्य कृषि मंत्रियों से निगरानी समितियां बनाकर और निगरानी तंत्र को मजबूत करके यूरिया का उचित उपयोग सुनिश्चित करने का आग्रह किया।’’
मंत्री ने यूरिया की बढ़ती मांग के दो मुख्य कारणों की पहचान की। पहला, अच्छी बारिश के कारण चावल, मक्का और अन्य फसलों की अधिक बुवाई, और दूसरा, गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए यूरिया का संभावित दुरुपयोग।
चौहान ने आगाह किया, ‘‘अगर मांग वाकई कृषि ज़रूरतों के लिए है, तो यूरिया की आपूर्ति ज़रूर की जाएगी और मंत्रालय इस पर तेज़ी से काम कर रहा है। हालांकि, अगर दुरुपयोग का कोई संदेह है, तो इसे एक गंभीर मामला माना जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’
जैव-उत्तेजक पदार्थों के बारे में उन्होंने कहा कि पहले लगभग 30,000 ऐसे उत्पाद बेचे जा रहे थे, जिनमें से कई बिना उचित प्रमाणीकरण के थे। बयान में कहा गया, ‘‘अबतक केवल 600 जैव-उत्तेजक पदार्थों को ही प्रमाणित किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि केवल ये प्रमाणित उत्पाद ही किसानों तक पहुंचें।’’
बैठक में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की तैयारियों की भी समीक्षा की गई, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 अगस्त को करेंगे। चौहान ने अधिकारियों को मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पूरी तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया और 100 ज़िलों में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत प्रगति पर चर्चा की।
मंत्री ने दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया और राज्य के कृषि मंत्रियों से इन मिशन और योजनाओं का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व और प्रचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘देश को अपनी राष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए दलहन और तिलहन का उत्पादन मज़बूत करना होगा।’’
चौहान ने बताया कि रबी फसल के लिए 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' पर दो दिवसीय सम्मेलन 15-16 सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसका औपचारिक शुभारंभ तीन अक्टूबर को होगा, जो विजय पर्व के साथ मेल खाता है। यह अभियान तीन अक्टूबर से 18 अक्टूबर को धनतेरस तक चलेगा।
उन्होंने कहा कि वह सम्मेलन में कृषि मंत्रियों और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्रियों को औपचारिक रूप से पत्र लिखेंगे। उन्होंने मंत्रियों से रबी मौसम के लिए उर्वरक आवश्यकताओं पर आंकड़े एकत्र करने को कहा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में, चौहान ने कार्यान्वयन में पूर्ण पारदर्शिता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया।
बैठक के दौरान, राजस्थान के कृषि मंत्री भजन लाल, उत्तर प्रदेश के सूर्य प्रताप शाही, मध्य प्रदेश के एंदल सिंह कंसाना, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, कर्नाटक के एन चेलुवरायस्वामी और अन्य सहित कई राज्यों के कृषि मंत्रियों ने अतिरिक्त यूरिया आपूर्ति का अनुरोध किया।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मंत्रियों ने भी प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को हुए नुकसान की जानकारी दी और अतिरिक्त वित्तीय सहायता की मांग की।
बैठक में कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एम एल जाट सहित कई राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक शामिल हुए।
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