केरल के कॉलेज में एबीवीपी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया, एसएफआई से हुई झड़प
रंजन
- 14 Aug 2025, 09:31 PM
- Updated: 09:31 PM
कासरगोड/कोझिकोड (केरल), 14 अगस्त (भाषा) केरल के राज्यपाल द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों को 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने का निर्देश दिये जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने बृहस्पतिवार को कासरगोड के एक कॉलेज में यह दिवस मनाया, जिससे उसकी माकपा समर्थित एसएफआई के साथ झड़प हो गई।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक सरकारी कॉलेज में इस दिवस को लेकर पोस्टर लगाए, जिसके बाद स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में विरोध के लिए पहुंचे।
टीवी चैनलों पर दिखाए गए दृश्यों के अनुसार, दोनों समूहों के बीच झड़प हुई और एबीवीपी द्वारा लगाए गए पोस्टर फाड़ दिए गए।
पुलिस ने लड़ाई रोकने के लिए बीच-बचाव किया।
एसएफआई ने कॉलेज परिसर के बाहर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर का पुतला भी फूंका।
बाद में, एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर फिर से पोस्टर लगा दिए, जिसके बाद मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) के कार्यकर्ताओं ने नोटिस बोर्ड के पास पहुंच कर इस कदम का विरोध किया।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के छात्र संगठन एमएसएफ के कार्यकर्ताओं ने यह दिवस मनाए जाने और राज्यपाल के खिलाफ नारे लगाए। पुलिस ने मौके पर दोनों संगठनों के समर्थकों को तितर-बितर किया।
इसी तरह का विरोध-प्रदर्शन और झड़पें कोझिकोड स्थित कालीकट विश्वविद्यालय में भी देखी गईं, जब एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का प्रयास किया।
राजभवन के अनुसार, अर्लेकर ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य विश्वविद्यालयों में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के लिए एक परिपत्र जारी किया था।
राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल ने इस दिवस को मनाने के लिए सेमिनार आयोजित करने और उससे संबंधित कार्ययोजना भेजने के निर्देश कुलपतियों को दिए थे।
इस निर्देश का विरोध करते हुए वाम मोर्चे की सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि विश्वविद्यालयों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता नहीं है।
विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने कहा था कि वह राज्य में किसी भी ऐसे कार्यक्रम का आयोजन नहीं होने देगा।
वाम मोर्चा और यूडीएफ दोनों ने आरोप लगाया कि राज्यपाल का यह निर्देश लोगों और देश को बांटने की कोशिश है।
भाषा शफीक