गहलोत ने छात्र संघ चुनाव न कराने के लिए राजस्थान सरकार की आलोचना की, अभाविप भी निशाने पर
राजकुमार
- 14 Aug 2025, 11:26 PM
- Updated: 11:26 PM
(फाइल फोटो के साथ)
जयपुर, 14 अगस्त (भाषा) वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि राजस्थान में सत्तारूढ़ भाजपा नहीं चाहती है कि युवा राजनीतिक रूप से जागरूक हों।
गहलोत ने छात्रसंघ चुनाव न कराने के संबंध में उच्च न्यायालय में दिए गए राज्य सरकार के जवाब पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में दलील दी है कि वह इस साल छात्र संघ चुनाव नहीं करा पाएगी।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की‘‘ चुप्पी’’ पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने भाजपा के रुख को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय’’ बताया और पार्टी पर युवाओं में लोकतांत्रिक भागीदारी को हतोत्साहित करने का आरोप लगाया।
राजस्थान विश्वविद्यालय के एक छात्र की जनहित याचिका पर राज्य सरकार ने बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह चालू शैक्षणिक वर्ष में छात्र संघ चुनाव नहीं करा पाएगी।
उसने कहा गया कि उसने विभिन्न कुलपतियों से राय लेने के बाद यह निर्णय लिया, जो छात्र संघों के चुनाव कराने के खिलाफ थे क्योंकि इससे सत्र और नयी शिक्षा नीति, 2020 के कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न होगी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा,‘‘छात्र राजनीति ने न केवल कांग्रेस, बल्कि भाजपा और अन्य दलों के नेताओं को भी जन्म दिया है। क्या इन नेताओं को इस मुद्दे पर नहीं बोलना चाहिए।’’
उन्होंने पूछा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के बहाने चुनाव कब तक टाले जायेंगे?आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन अभाविप इस मुद्दे पर चुप क्यों है?’’
गहलोत ने अन्य छात्र संगठनों से इस मुद्दे पर आवाज उठाने का आग्रह किया।
पुलिस ने राजस्थान विश्वविद्यालय के एक छात्र नेता शुभम रेवाड़ को इस मामले पर उसकी भूख हड़ताल समाप्त करने के लिए हिरासत में लिया है।
रेवाड़ को सवाई मान सिंह अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया, जहां उसे ड्रिप लगाई गई और बाद में छुट्टी दे दी गई।
गहलोत ने छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं को ‘‘जबरन हटाने’’ की निंदा की।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन, भूख हड़ताल और धरना सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के वैध तरीके हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य सरकार को बल प्रयोग करने के बजाय इन छात्रों से बातचीत करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए।
राज्य में आखिरी बार छात्र संघ चुनाव 2022 में हुए थे। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2023 में विधानसभा चुनाव की तैयारियों और नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन का हवाला देते हुए चुनाव स्थगित कर दिए थे।
भाजपा सरकार दिसंबर 2023 में सत्ता में आई लेकिन 2024 में चुनाव नहीं हुए। कॉलेज के छात्र राज्य सरकार से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
इस महीने की शुरुआत में, कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई ने छात्र संघ चुनावों के लिए दबाव बनाने के लिए जयपुर में एक विशाल प्रदर्शन किया था।
भाषा कुंज