भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को सम्मानित करने की घोषणा की
शुभम पारुल
- 15 Aug 2025, 12:09 AM
- Updated: 12:09 AM
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सैन्य सम्मानों की अपनी वार्षिक सूची में सशस्त्र बलों के कर्मियों की वीरता के कार्यों और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की योजना एवं क्रियान्वयन में शामिल वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की भूमिका को मान्यता दी।
पाकिस्तान में आतंकी ढांचों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर सटीक हमले करने वाले भारतीय वायु सेना के नौ पायलट को वीर चक्र से सम्मानित किया गया, जो परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद तीसरा सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता पुरस्कार है। एक पायलट को शौर्य चक्र के लिए नामित किया गया है।
पाकिस्तान में आतंकी बुनियादी ढांचे और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल भारतीय वायुसेना के पायलट के साथ-साथ एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को संचालित करने वाले उन पायलट को भी यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, जिन्होंने सात से 10 मई के बीच दोनों देशों के बीच संघर्ष के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कुल 20 पायलट और छह अन्य वायुसेना कर्मियों को वायु सेना पदक के लिए नामित किया गया।
वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी, वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती, भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा उन शीर्ष सैन्य अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्हें सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा।
क्रमशः दक्षिण पश्चिमी वायु कमान और पश्चिमी वायु कमान का नेतृत्व कर रहे एयर मार्शल नागेश कपूर और एयर मार्शल जितेंद्र मिश्रा को भी सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक प्रदान किया जाएगा।
वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह, जिन्होंने पश्चिमी नौसेना कमान के ‘फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ’ के रूप में पहलगाम हमले के बाद नौसेना के संसाधनों की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, को भी सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक के लिए नामित किया गया है।
नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती, जिन्होंने पहलगाम हमले के बाद नौसेना की तैनाती रणनीति को अंतिम रूप देने में प्रमुख भूमिका निभाई थी, को उत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा।
पुरस्कार विजेताओं की सूची में एक उल्लेखनीय नाम एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती का है। वायु संचालन महानिदेशक (डीजीएओ) के रूप में उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाद में उन्हें वायु सेना उप प्रमुख नियुक्त किया गया।
वीर चक्र पाने वालों में ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू, मनीष अरोड़ा, अनिमेष पाटनी और कुणाल कालरा शामिल हैं।
विंग कमांडर जॉय चंद्रा, स्क्वाड्रन लीडर सार्थक कुमार, सिद्धांत सिंह, रिजवान मलिक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एएस ठाकुर को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
एकमात्र शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता विंग कमांडर अभिमन्यु सिंह हैं।
कुल मिलाकर भारतीय वायु सेना के कर्मियों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए चार सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक, पांच उत्तम युद्ध सेवा पदक, नौ वीर चक्र, एक शौर्य चक्र, 13 युद्ध सेवा पदक, 26 वायु सेना पदक और 162 'मेंशन-इन-डिस्पैच' प्राप्त हुए।
वायु सेना पदक विजेता ग्रुप कैप्टन उमर ब्राउन पूर्व वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन के पुत्र हैं। एक अन्य वायु सेना पदक विजेता स्क्वाड्रन लीडर मिहिर विवेक चौधरी पूर्व वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी के पुत्र हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के लिए 127 वीरता पुरस्कार और 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कारों को मंजूरी दी।
इनमें चार कीर्ति चक्र, 15 वीर चक्र, 16 शौर्य चक्र, दो ‘बार टू सेना’ पदक (वीरता), 58 सेना पदक (वीरता), छह नौसेना पदक (वीरता) और 26 वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं।
पुरस्कारों में सात सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक, नौ उत्तम युद्ध सेवा पदक और 24 युद्ध सेवा पदक भी शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने 290 ‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ को भी मंजूरी दी है, जिनमें से 115 भारतीय सेना से, पांच भारतीय नौसेना से और 167 भारतीय वायु सेना से हैं।
‘मेंशन-इन-डिस्पैच’ एक सम्मान है, जो भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों को दिया जाता है, विशेष रूप से उन लोगों को, जिन्होंने विशिष्ट वीरता या सराहनीय सेवा का प्रदर्शन किया है।
भाषा
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