पीओके और पाकिस्तान में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में 154 लोगों की मौत
राखी अविनाश
- 15 Aug 2025, 07:40 PM
- Updated: 07:40 PM
पेशावर/ इस्लामाबाद, 15 अगस्त (भाषा) पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के विभिन्न हिस्सों में बीते 24 घंटे के दौरान भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 154 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अधिकांश मौतें हुईं, जहां मूसलाधार बारिश के कारण विभिन्न जिलों में अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान में काराकोरम राजमार्ग और बाल्टिस्तान राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गईं।
स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने बताया कि बुनेर जिले में कुल 75 लोग मारे गए, मनसेहरा में 17 और खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर और बटाग्राम जिलों में 18-18 लोग मारे गए।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के प्रवक्ता फैजी ने शुक्रवार को 'पीटीआई' को बताया, "प्रांत के कुछ हिस्सों में बृहस्पतिवार रात से बादल फटने और उसके बाद अचानक आई बाढ़ के कारण बच्चों सहित 125 से अधिक लोगों की मौत हो गई।"
उन्होंने बताया कि बचाव दल और स्थानीय निवासियों ने शव बरामद कर लिए हैं।
हालांकि, फैजी ने कहा कि मृतकों की संख्या में वृद्धि होने की आशंका है क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में लोग लापता हैं।
लोअर दीर में पांच लोग मारे गए और चार घायल हो गए। स्वात में चार लोगों की मौत हुई, जबकि प्रांत के शांगला में एक व्यक्ति के हताहत होने की सूचना है।
फैजी ने बताया कि बाजौर जिला आपातकालीन अधिकारी (डीईओ) अमजद खान की देखरेख में खोज एवं बचाव अभियान जारी है।
स्वात और बाजौर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना का राहत अभियान जारी है तथा सेना की टीम बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर रही हैं।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अमीन अली गंडापुर ने बचाव और राहत कार्यों के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को तैनात करने का निर्देश दिया तथा मलकंद के आयुक्त और बाजौर के उपायुक्त को व्यक्तिगत रूप से कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया।
अधिकारियों ने बताया कि गिलगित-बाल्टिस्तान के घिजर जिले में अचानक आई बाढ़ के कारण आठ लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए। इस दौरान कई मकान, वाहन, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र क्षतिग्रस्त हो गए तथा कराकोरम राजमार्ग और बाल्टिस्तान राजमार्ग कई स्थानों पर बंद हो गए।
पूर्वोत्तर की नीलम घाटी में भी बड़े पैमाने पर जनजीवन प्रभावित हुआ, जहां पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
बाढ़ में लावत नाले पर बने दो पुल बह गए, जबकि जागंरन नाले में उफान से कुंडल शाही में एक पुल ध्वस्त हो गया। क्षेत्र में एक रेस्टोरेंट और कम से कम तीन मकान भी बह गए।
पीओके के मुजफ्फराबाद जिले के सारली साचा गांव में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिससे एक ही परिवार के छह सदस्य मलबे में दब गए और उनके मारे जाने की आशंका है। सुधनोटी जिले में 26 वर्षीय युवक नाले में बह गया, जबकि बाग जिले में 57 वर्षीय महिला की घर गिरने से मौत हो गई।
भाषा
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