देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर तिहाड़ जेल में लगभग 1,500 दोषियों को सजा में विशेष छूट
अविनाश
- 15 Aug 2025, 07:53 PM
- Updated: 07:53 PM
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिहाड़ जेल में लगभग 1,500 दोषियों को सजा में विशेष छूट का तोहफा दिया गया। वहीं राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की समस्या से छुटकारा दिलाने के मकसद से दिल्ली सरकार ने 145.58 करोड़ रुपये की लागत से नरेला में एक नयी जेल के निर्माण के लिए मंजूरी दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
महानिदेशक (कारागार) सतीश गोलछा ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल मुख्यालय में ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान कहा कि कुल 1,497 कैदियों को जेल में उनके आचरण के आधार पर सजा में विशेष छूट के लिए पात्र पाया गया है और यह क्षमादान 15 से 25 दिनों के लिए है।
क्षमा से सजा की अवधि कम हो जाती है, लेकिन सजा का स्वरूप नहीं बदलता।
तिहाड़ जेल का निर्माण 1957 में हुआ था, जो एशिया की सबसे बड़ी जेल है और वर्तमान में यहां 18 हजार से अधिक कैदी हैं।
यह जेल परिसर जेल संख्या एक से 16 तक है, जिसमें जेल संख्या छह और 16 को विशेष रूप से महिला कैदियों के लिए बनाया गया है।
महानिदेशक (डीजी) ने यह भी बताया कि विभाग ने हाल ही में लामपुर निरूद्ध केंद्र का संचालन अपने हाथ में लिया है, जहां लगभग 273 विदेशी नागरिक रखे गए हैं।
यहां जारी एक बयान के अनुसार, गोलछा ने कहा कि लगभग 600 कैदी उस्मानिया विश्वविद्यालय के सहयोग से पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) के ‘उन्नति’ नामक ‘आचरण सुधार प्रोग्राम’ में हिस्सा ले रहे हैं, जबकि कई अन्य संगठन जेलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण में योगदान दे रहे हैं।
महानिदेशक ने कहा, ‘‘जेल की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक खुफिया प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है।’’
उन्होंने यह भी बताया कि जेलों में इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती की गई है। पिछले साल 3,247 नए पद सृजित किए गए, जिससे जेल संवर्ग में पदोन्नति हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) ने 1,697 वार्डर और 93 सहायक अधीक्षक पदों के लिए विज्ञापन दिया है।’’
गोलछा ने शहर की जेलों में भीड़ कम करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकृत 145.58 करोड़ रुपये से नरेला में एक नयी जेल बनाए जाने की भी घोषणा की।
कैदियों और कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह का समापन हुआ।
भाषा यासिर