मुख्यमंत्री सैनी ने लोगों से 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को जन आंदोलन में बदलने का आह्वान किया
संतोष पवनेश
- 15 Aug 2025, 07:55 PM
- Updated: 07:55 PM
रोहतक, 15 अगस्त (भाषा) हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को रोहतक में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में तिरंगा फहराया और नागरिकों से ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को ‘जन आंदोलन’ में बदलने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को अब शीर्ष स्थान हासिल करने की आकांक्षा रखनी चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन में बदलने से ही प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने लोगों से ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ की भावना को अपनाने का आग्रह किया और उद्योगपतियों, निवेशकों, वैज्ञानिकों और तकनीशियनों को राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता की सेवा में अपने कौशल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
शहीदी स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सैनी ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सम्मानित किया और भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों की सराहना की। उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और 1962, 1965, 1971 और कारगिल युद्धों सहित भारत के विभिन्न युद्धों में हरियाणा के सैनिकों की भूमिका की भी सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों के परिवारों और आश्रितों के साथ खड़ा होना चाहिए।’’
स्वतंत्रता दिवस को पूरे देश का पर्व बताते हुए सैनी ने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान ने एक बार फिर देश को देशभक्ति के रंग में रंग दिया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी पत्नियों के लिए पेंशन बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रति माह कर दी है, युद्ध में शहीद हुए लोगों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी है और 410 आश्रितों को सरकारी नौकरी प्रदान की है।
सैनी ने कहा कि भारतीयों को दंडित करने और नियंत्रित करने के लिए बनाए गए तीन औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों को 70 साल बाद निरस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पुराने प्रावधानों को हटा दिया गया है जो एक आधुनिक कानूनी ढांचे को दर्शाता है।
उन्होंने सिंदूर और महादेव जैसे सैन्य अभियानों के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और स्वदेशी तकनीकी शक्ति के उपयोग की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि राज्य खाद्यान्न उत्पादन में अग्रणी योगदानकर्ता बना हुआ है, भारतीय सड़कों पर चलने वाली हर दूसरी कार और देश के 52 प्रतिशत ट्रैक्टरों का निर्माण करता है।
अपनी सरकार के कार्यकाल पर प्रकाश डालते हुए सैनी ने कहा कि हरियाणा ने नागरिकों को ‘भेदभावपूर्ण’ प्रणालियों से मुक्त किया है, भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंका है और योजनाओं को ‘परिवार पहचान पत्र' से जोड़ते हुए एक नया ई-गवर्नेंस मॉडल अपनाया है।
उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए 100 से अधिक सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण किया गया है।
सैनी ने कहा कि सरकार ने इस कार्यकाल में केवल योग्यता के आधार पर 30,000 युवाओं को नौकरियां दी हैं, जिससे सदियों पुरानी ‘पर्ची खर्ची’ (पक्षपात, रिश्वत) प्रथा समाप्त हो गई है। उन्होने कहा कि साढ़े 10 वर्षों में कुल 1.80 लाख नौकरियां प्रदान की गई हैं।
उन्होंने कहा कि सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) सफलतापूर्वक आयोजित की गई है, और हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों के लिए कानूनी सुरक्षा उपाय शुरू किए गए हैं, जिनमें महंगाई भत्ता (डीए), वार्षिक वेतन वृद्धि और 5,000 युवाओं के लिए विदेश में नौकरी के अवसर शामिल हैं।
सैनी ने कहा कि राज्य में अब सभी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है और 12 लाख किसानों को सीधे 1.48 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि साढ़े 10 साल में फसल नुकसान के लिए 15,465 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजों के जमाने का ‘आबियाना’ शुल्क समाप्त कर दिया गया है और जमींदारों और बटाईदार किसानों के बीच विश्वास बहाल करने के लिए कृषि भूमि पट्टा अधिनियम लागू किया गया है।
सामाजिक न्याय और कल्याण के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख पहलों में सबसे वंचितों को लाभ पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षण का विभाजन, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर आठ लाख रुपये करना, पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में ओबीसी-बी आरक्षण देना शामिल है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रजापति समुदाय को 1,700 गांवों में जमीन दी गई है और मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 71,000 रुपये तक का ‘विवाह शगुन’ भी सामाजिक कल्याण के लिए की गई कुछ पहलों में शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज होगा जिसमें से 15 चालू हो चुके हैं और नौ निर्माणाधीन हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘फिट इंडिया, हिट इंडिया’ दृष्टिकोण के अनुरूप, सरकार अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे का भी निर्माण करा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हर गांव में जिम स्थापित किए जा रहे हैं और अब तक 19 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में 50 करोड़ रुपये की लागत से 250 इनडोर जिम खोले जा चुके हैं।
भाषा संतोष