हुमायूं के मकबरे के पास दरगाह की दीवार गिरने से तीन महिलाओं समेत छह लोगों की मौत
शुभम पारुल
- 16 Aug 2025, 12:06 AM
- Updated: 12:06 AM
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुमायूं के मकबरे के पास एक दरगाह की दीवार गिर जाने से शुक्रवार शाम छह लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। मृतकों में तीन महिलाएं शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना दरगाह शरीफ पट्टे शाह में अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे घटी। दरगाह की चारदीवारी 16वीं सदी के उस मकबरे से मिलती है, जिसका निर्माण मुगल बादशाह हुमायूं की पहली पत्नी बेगा बेगम ने 1558 में करवाया था।
पुलिस ने बताया कि इस घटना में 79 वर्षीय एक पुरुष और तीन महिलाओं सहित कुल छह लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच घायलों में चार वर्षीय एक लड़का भी शामिल है।
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों में से एक की पहचान स्वरूप चंद (79) के रूप में हुई है, जबकि पांच घायलों की शिनाख्त मोहम्मद शमीम, मास्टर आर्यन, गुड़िया, रफत परवीन और रानी (65) के रूप में की गई है।
इमारत ढहने के बाद, मलबे के नीचे से 12 पीड़ितों को बचाया गया, जिनमें से अधिकतर आगंतुक थे। उनमें से नौ को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां पांच की मौत हो गई।
डीसीपी (दक्षिणपूर्व) हेमंत तिवारी ने कहा, "एक पुरुष मरीज को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि एक महिला मरीज को आरएमएल अस्पताल ले जाया गया है।"
उन्होंने बताया कि एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि मस्जिद का डीवीआर हजरत निजामुद्दीन पुलिस थाने ले जाया गया है और मस्जिद की देखभाल करने वालों से पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने कहा कि नागरिक एजेंसियों को आगे की जांच के लिए सूचित किया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस, दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सहित विभिन्न एजेंसियां बचाव अभियान में शामिल थीं।
पीड़ित मुस्तफाबाद और जाकिर नगर के आसपास के इलाकों के रहने वाले थे।
एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया, "ऐसा कहा जा रहा है कि एक मौलवी यहां रहता था, जो 'तावीज' बनाता था और संदेह है कि लोग इसे बनवाने के लिए दरगाह आते थे।"
संयुक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार जैन ने बताया कि लोग शुक्रवार की नमाज के लिए दरगाह पर आए थे और जब यह घटना हुई, तब बारिश के कारण वे कमरे के अंदर बैठे थे।
पुलिस ने बताया कि बचाव अभियान पूरा हो गया है। उसने बताया कि घटना के संबंध में अपराह्न 3:55 बजे सूचना मिलने के बाद मलबे के नीचे से 10-12 पीड़ितों को बचाया गया।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह घटना 16वीं शताब्दी के स्मारक के मुख्य गुंबद से संबंधित नहीं थी, बल्कि इसके परिसर के भीतर एक छोटे कमरे से संबंधित थी।
एक प्रत्यक्षदर्शी विशाल कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैं हुमायूं के मकबरे में काम करता हूं। जब हमने शोर सुना, तो मेरा सुपरवाइजर दौड़कर आया। हमने लोगों और प्रशासन को बुलाया। धीरे-धीरे हमने फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला।’’
कुमार ने कहा, ‘‘वहां कम से कम 10 से 12 लोग थे। इमाम भी वहां थे और वे भी घायलों में शामिल हैं। मैंने कम से कम आठ से नौ लोगों को बचाया।’’
एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ‘‘मैं बाहर खड़ी थी और कमरे में प्रवेश करने ही वाली थी। जैसे ही बारिश शुरू हुई, सभी लोग शरण लेने के लिए अंदर चले गए।’’
उसने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘तभी दीवार ढह गई। इसके बाद मैंने मदद के लिए चिल्लाना शुरू किया, लेकिन आसपास कोई नहीं था। मैं चिल्लाती रही और फिर आस-पास के कुछ लोग आए और अंदर फंसे सभी लोगों को बचाने में हमारी मदद की।’’
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल हुमायूं का मकबरा राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रमुख पर्यटन केंद्र है और इसे देखने प्रतिदिन सैकड़ों घरेलू और विदेशी पर्यटक आते हैं।
हुमायूं के मकबरे के जीर्णोद्धार में शामिल संगठन, ‘आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर’ (एकेटीसी) के संरक्षण वास्तुकार रतीश नंदा ने कहा, ‘‘हुमायूं के मकबरे को कोई नुकसान नहीं हुआ है। हुमायूं के मकबरे के पास एक नया ढांचा बनाया जा रहा था, जिसका एक हिस्सा ढह गया है और कुछ हिस्सा हुमायूं के मकबरे की दीवारों पर भी गिरा है।’’
भाषा
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