पीओके और पाकिस्तान में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में 200 से अधिक लोगों की मौत
शुभम पारुल
- 16 Aug 2025, 12:50 AM
- Updated: 12:50 AM
पेशावर/ इस्लामाबाद, 15 अगस्त (भाषा) पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कई हिस्सों में पिछले 36 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण कम से कम 214 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकांश मौतें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुईं, जहां मूसलाधार बारिश के कारण विभिन्न जिलों में अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान में काराकोरम राजमार्ग और बाल्टिस्तान राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गईं।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 21 अगस्त तक रुक-रुककर भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के प्रवक्ता ने यहां बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान खैबर पख्तूनख्वा में अचानक आई बाढ़ के कारण 14 महिलाओं और 12 बच्चों सहित कम से कम 198 लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हैं।
पीडीएमए के अनुसार, बुनेर जिले में सबसे अधिक 92 मौतें हुईं। अन्य प्रभावित जिलों में मानसेहरा, बाजौर, बटाग्राम, लोअर दीर और शांगला शामिल हैं।
हालांकि, पीडीएमए प्रवक्ता ने यह भी कहा कि मृतकों या घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में लोग लापता हैं। पीडीएमए की रिपोर्ट में कहा गया है, "मुख्यमंत्री अमीन अली गंडापुर द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिलों की मदद के लिए कुल 50 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।"
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि प्रांतीय सरकार के दो हेलीकॉप्टर लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे मोहमंद आदिवासी जिले में चालक दल के दो सदस्यों और तीन राहतकर्मियों की मौत हो गई।
प्रांत के सभी अस्पतालों को जारी एक अधिसूचना में दवाओं की उपलब्धता और चिकित्सा उपकरणों की कार्यशीलता सुनिश्चित करने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का आदेश दिया गया।
स्वात और बाजौर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना का राहत अभियान जारी है तथा सेना की टीम बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर रही हैं।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अमीन अली गंडापुर ने बचाव और राहत कार्यों के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को तैनात करने का निर्देश दिया तथा मलकंद के आयुक्त और बाजौर के उपायुक्त को व्यक्तिगत रूप से कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया।
पूर्वोत्तर की नीलम घाटी में भी बड़े पैमाने पर जनजीवन प्रभावित हुआ, जहां पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
बाढ़ में लावत नाले पर बने दो पुल बह गए, जबकि जागंरन नाले में उफान से कुंडल शाही में एक पुल ध्वस्त हो गया। क्षेत्र में एक रेस्तरां और कम से कम तीन मकान भी बह गए।
पीओके के मुजफ्फराबाद जिले के सारली साचा गांव में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिससे एक ही परिवार के छह सदस्य मलबे में दब गए और उनके मारे जाने की आशंका है। सुधनोटी जिले में 26 वर्षीय युवक नाले में बह गया, जबकि बाग जिले में 57 वर्षीय महिला की घर गिरने से मौत हो गई।
भाषा
शुभम