हुमायूं मकबरे के पास एक दरगाह के एक हिस्से का ढहना : 'भीड़ कम हो गई थी, वरना और जानें जातीं'
रंजन माधव
- 16 Aug 2025, 06:26 PM
- Updated: 06:26 PM
नेहा मिश्रा
नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित हुमायूं के मकबरे के पास एक दरगाह के दो कमरों की छत और दीवार गिरने की घटना के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा अगर नमाज के कुछ घंटे पहले हुए होता तो कई और लोगों की जान जा सकती थी।
शुक्रवार को निजामुद्दीन क्षेत्र स्थित हुमायूं के मकबरे के पास एक दरगाह के दो कमरों की दीवार और छत गिरने से छह लोगों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य घायल हो गए थे।
यह घटना दोपहर करीब 3.30 बजे हुई और स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर यह दोपहर की नमाज के आसपास हुई होती, जब इलाके में बड़ी भीड़ जमा होती है, तो मृतकों की संख्या ज़्यादा होती।
प्रसिद्ध दरगाह शरीफ पत्ते वाली में सिर्फ शहर के ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोग आते हैं।
मकबरे के बाहर भेलपुरी बेचने वाले राकेश ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘अगर यह नमाज के समय हुआ होता तो यह और भी बड़ी त्रासदी होती।’’
यह दरगाह हुमायूं के मकबरे की पिछली गली में, सुंदर नर्सरी की ओर जाने वाले रास्ते पर, न्यू होराइजन स्कूल के बगल में स्थित है। अब इसमें ताला लगा है और वीरान पड़ा है।
सुंदर नर्सरी में ड्यूटी पर तैनात एक गार्ड ने बताया, ‘‘हमें तब तक पता नहीं चला कि क्या हुआ जब तक हमने एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियों को अंदर आते नहीं देखा। बाहर आ रहे लोगों ने हमें बताया कि एक छत, जहां कुछ लोग बारिश में शरण लिए हुए थे, गिर गई है।’’
दरगाह की चारदीवारी 16वीं सदी के उस बगीचे वाले मकबरे से मिलती है जिसे मुगल बादशाह हुमायूं की पहली पत्नी बेगा बेगम ने 1558 में बनवाया था।
मकबरे की रखवाली करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि दरगाह शायद मकबरे से भी पुरानी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बस इतना पता है कि यह दरगाह सदियों पुरानी है, मकबरे से भी पुरानी, और लोग यहां आम दिनों में भी नमाज अदा करने आते हैं। शुक्रवार को, श्रद्धालुओं की संख्या कहीं अधि होती है।’’
दरगाह के पास से गुज़रने वाले एक स्थानीय व्यक्ति ने पीटीआई को बताया, ‘‘मैं सालों से गाज़ियाबाद से यहाँ आ रहा हूं। मेरी आस्था बहुत मजबूत है और मेरा परिवार हर दूसरे सप्ताह यहां आता है। कल मैं किसी जरूरी काम में फंस गया था, इसलिए नहीं आ सका।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं आज आया और मुझे पता चला कि दुर्घटना के कारण दरगाह बंद है, तो मैं स्तब्ध रह गया।’’
अधिकारियों ने ढहे हुए हिस्से को सील कर दिया है और जांच जारी है।
भाषा रंजन