निर्वाचन आयोग ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी हैं : कांग्रेस
राजकुमार पारुल
- 17 Aug 2025, 12:17 AM
- Updated: 12:17 AM
नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को निर्वाचन आयोग पर पलटवार करते हुए उस पर ‘‘बेशर्मी की सारी हदें पार करने’’ का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि आयोग से शुचिता की उम्मीद की जाती है।
कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग मतदाता सूची की जांच का स्वागत करता है, तो मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे अब भी पार्टियों को मशीन-पठनीय मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने से क्यों इनकार कर रहे हैं।
वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने ‘वोट चोरी’ और बड़े पैमाने पर धांधली के गंभीर आरोपों के बावजूद अपनी सभी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़कर बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी हैं। संवैधानिक अधिकारियों से शुचिता की प्रतिमूर्ति होने की उम्मीद की जाती है-न कि लोकतंत्र को नष्ट करने के अपने अपराध को छिपाने के लिए अस्पष्ट रूप से तैयार किए गए प्रेस नोटों के पीछे छिपने की।’’
मतदाताओं से जुड़े आंकड़ों में हेराफेरी के विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब देते हुए, निर्वाचन आयोग ने कहा है कि ऐसा लगता है कि कुछ राजनीतिक दलों ने चुनाव मशीनरी को त्रुटियां बताने के लिए ‘‘उचित समय’’ पर मतदाता सूचियों की जांच नहीं की। आयोग ने यह भी कहा कि वह अपने अधिकारियों को खामियों को दूर करने में मदद करने के लिए दस्तावेज की जांच का स्वागत करता है।
वेणुगोपाल ने कहा कि ‘वोट चोरी’ के पैमाने को पकड़ने की ज़िम्मेदारी राजनीतिक दलों और उनके बीएलए पर नहीं डाली जा सकती। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का दावा है कि ‘‘सर्वोच्च पारदर्शिता मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया की पहचान है।’’
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हम निर्वाचन आयोग से पूछना चाहते हैं कि क्या इनमें से कोई भी फैसला ‘अत्यंत पारदर्शिता’ को बढ़ावा देने के उनके एजेंडे का हिस्सा है: पार्टियों को मशीन-पठनीय मतदाता सूची देने से इनकार करना और पहले से अपलोड किए गए मसौदा एसआईआर मतदाता सूची के मशीन-पठनीय संस्करणों को हटाना। 45 दिनों के भीतर सीसीटीवी फुटेज हटाना। उच्चतम न्यायालय के समक्ष यह दलील देना कि बिहार एसआईआर प्रक्रिया में 65 लाख नाम हटाने के कारण को बताने के लिए वह बाध्य नहीं है और निर्वाचन आयोग से मिलने के लिए मार्च कर रहे विपक्षी सांसदों से मिलने से इनकार करना।’’
निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट को साझा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आयोग के नोट के लहजे और भाव से यह संदेह और गहरा होता है कि निर्वाचन आयोग कथित तौर पर बड़े पैमाने पर की गई वोटों की हेराफेरी के बारे में जनता की गंभीर चिंताओं को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों की जांच का स्वागत करता है, तो मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव अधिकारियों को स्पष्ट करना चाहिए कि वे अभी भी राजनीतिक दलों को मशीन-पठनीय मतदाता सूचियां उपलब्ध कराने से क्यों इनकार कर रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज क्यों मिटाए जा रहे हैं।’’
भाषा
राजकुमार