भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप गलियारा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का स्रोत होगा: फ्रांसीसी व्यापार मंत्री
धीरज नरेश
- 01 Dec 2024, 06:35 PM
- Updated: 06:35 PM
(मानस भुइयां)
नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा)फ्रांस की विदेश व्यापार मंत्री सोफी प्राइमस ने कहा कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईईसी) रणनीतिक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाएगा, आर्थिक एवं ऊर्जा क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देगा तथा यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का स्रोत होगा।
प्राइमस ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि फ्रांस प्रस्तावित गलियारे को क्षेत्रीय एकीकरण, स्थिरता तथा व्यापार मार्गों को कार्बन मुक्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के अवसर के रूप में देखता है।
आईएमईईसी का लक्ष्य भारत, सऊदी अरब, अमेरिका और यूरोप के बीच वृहद सड़क, रेलमार्ग और जहाजरानी नेटवर्क स्थापित करना है। इसका उद्देश्य एशिया, पश्चिम एशिया और पश्चिम देशों के बीच एकीकरण सुनिश्चित करना है।
प्राइमस ने भारत की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंत में कहा, ‘‘यह परियोजना राष्ट्रीय हितों के लिए महत्वपूर्ण है, यह रणनीतिक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाएगी तथा भारत, यूरोप और पश्चिम एशिया में आर्थिक, ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देगी।’’
पिछले साल सितंबर में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आईएमईईसी को अंतिम रूप दिया गया था। इस गलियारे के लिए भारत, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका और कुछ अन्य जी20 भागीदारों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
जी20 शिखर सम्मेलन में घोषणा के बाद, फ्रांस ने तुरंत जेरार्ड मेस्ट्रालेट को आईएमईईसी परियोजना के लिए समर्पित शेरपा नियुक्त किया। फ्रांसीसी शेरपा 27 से 29 नवंबर तक प्राइमस की भारत यात्रा के दौरान उनके साथ थे।
फ्रांसीसी व्यापार मंत्री ने कहा, ‘‘फ्रांस इस गलियारे को क्षेत्रीय एकीकरण, स्थिरता और व्यापार मार्गों के कार्बन रहित करने की प्रक्रिया को तेज करने के अवसर के रूप में भी देखता है, जो रसद, ऊर्जा और डिजिटल क्षेत्रों में फ्रांसीसी कंपनियों के लिए पर्याप्त व्यावसायिक संभावनाएं प्रदान करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस इस पहल में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए उत्सुक है, तथा मार्सले को इस गलियारे के लिए रणनीतिक यूरोपीय प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित करना चाहता है।’’
प्राइमस ने इस विशाल परियोजना के लिए फ्रांस के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि यह गलियारा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के स्रोत के रूप में भी काम करेगा।
पश्चिम एशिया में सुरक्षा की अनिश्चित स्थिति के कारण इस पहल को जमीनी स्तर पर लागू करने में देरी हुई है।
आईएमईईसी में साझेदार देशों में समग्र आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक बिजली केबल नेटवर्क, एक हाइड्रोजन पाइपलाइन, हाई-स्पीड डेटा केबल नेटवर्क भी इसके तहत बिछाने की परिकल्पना की गयी है।
इस परियोजना को समान विचारधारा वाले देशों द्वारा चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के समक्ष रणनीतिक प्रभाव हासिल करने की पहल के रूप में भी देखा जा रहा है। बीआरआई को पारदर्शिता की कमी और राष्ट्रों की संप्रभुता की अवहेलना के कारण बढ़ती आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
बीआरआई एक वृहद संपर्क परियोजना है जो चीन को दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ती है।
भारत आईएमईईसी के कार्यान्वयन पर फ्रांस और अमेरिका सहित विभिन्न प्रमुख हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है।
विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने सितंबर में एक बिजनेस कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा था कि आईएमईईसी ‘‘वैश्विक संपर्क की आधारशिला’’ बनेगा।
फ्रांस की विदेश व्यापार मंत्री ने अपनी भारत यात्रा के दौरान वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ दोनों देशों के बीच अधिक निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने के तरीकों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत-फ्रांस द्विपक्षीय साझेदारी, विशेषकर व्यापार और निवेश के क्षेत्र में, उल्लेखनीय रूप से सकारात्मक रूप से आगे की ओर बढ़ रही है।’’
प्राइमस ने कहा, ‘‘रणनीतिक समन्वय, विशेषकर रक्षा के क्षेत्र में, वर्षों से हमारे संबंधों की आधारशिला रहा है। हाल ही में, हमारे आर्थिक और वाणिज्यिक आदान-प्रदान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’’
उन्होंने कहा कि भारत में फ्रांस की उपस्थिति ‘‘समृद्ध और विविधतापूर्ण’’ है, तथा कई फ्रांसीसी कंपनियां भारत को भविष्य के बाजार के रूप में चुन रही हैं।
प्राइमस ने कहा, ‘‘ये कंपनियां पहले ही भारत में करीब 4,50,000 लोगों को रोजगार दे रही हैं। आकर्षण के लिहाज से भारतीय कंपनियां फ्रांस में सक्रिय हैं, लेकिन वहां और अधिक वृद्धि की संभावना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस 2020 से यूरोप में विदेशी निवेश के लिहाज से लगातार शीर्ष पर है। इसके बावजूद यूरोप में भारतीय निवेश के लिहाज से फ्रांस छठे स्थान पर है।’’
भाषा धीरज