प्रधानमंत्री की पाकिस्तान को दो टूक: आतंकवादियों और उनके समर्थकों में अंतर नहीं करेंगे
हक वैभव हक मनीषा
- 15 Aug 2025, 10:30 AM
- Updated: 10:30 AM
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवादियों और उनको पालने-पोसने वालों के बीच कोई फर्क नहीं किया जाएगा और अगर दुश्मनों ने आगे भी कोई हिमाकत की तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा तथा भारत अब ‘न्यूक्लियर ब्लैकमैल’ नहीं सहेगा।
उन्होंने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने 103 मिनट के संबोधन में यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से ऐसी तबाही हुई कि पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंधु जल समझौता ‘अन्यायपूर्ण और एकतरफा’ है जो भारत को मंजूर नहीं हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कवच को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए ‘सुदर्शन चक्र’ मिशन शुरू किया जाएगा।
मोदी ने कहा, ‘‘आज मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के वीर जाबांजों को सलामी देने का अवसर मिला है। हमारे जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पार से आए आतंकवादियों ने पहलगाम में जिस तरह से कत्लेआम किया, उससे पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था और पूरा विश्व भी चौंक गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना ने वह कर दिखाया जो कई दशकों तक नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि उसकी नींद उड़ी हुई है और रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं।’’
मोदी ने पाकिस्तान और आतंकवादियों को आगाह करते हुए कहा, ‘‘आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, तो हमारी सेना तय करेगी... । सेना की शर्तों पर, सेना द्वारा निर्धारित समय पर, सेना द्वारा तय लक्ष्य को अब हम अमल में लाकर रहेंगे। अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने तय कर लिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को ‘अन्यायपूर्ण और एकतरफा’ करार देते हुए कहा कि सिंधु नदी के जल पर भारत और उसके किसानों का एकमात्र अधिकार है।
मोदी ने कहा कि इस संधि ने भारत में कृषि को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इस समझौते को जारी रखने की निरर्थकता को रेखांकित किया है।
उन्होंने कहा कि इस संधि की वजह से सिंधु के जल से ‘‘हमारे दुश्मनों के खेतों की सिंचाई होती है, जबकि मेरे देश की धरती और मेरे देश के किसान प्यासे रहते हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘भारत का जो पानी है, उसका इस्तेमाल भारत के लिए होगा, सिर्फ भारत के किसानों के लिए होगा और हम अब ऐसी व्यवस्था बर्दाश्त नहीं करेंगे जो अपने किसानों को वंचित रखे।’’
उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत भारत के किसानों को दशकों तक ‘अकल्पनीय नुकसान’ उठाना पड़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत दशकों से इसे सहन करता आ रहा है। हम इसे और सहन नहीं करेंगे। हमारे किसानों के हित में, राष्ट्र के हित में, यह समझौता हमें मंजूर नहीं है।’’
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने 2030 के मूल लक्ष्य से पांच साल पहले ही स्वच्छ ऊर्जा में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में और सुधार ला रहे हैं, इसे निजी भागीदारी के लिए खोल दिया गया है।’’
मोदी ने कहा कि देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘समुद्र मंथन’ की तरफ कदम बढ़ाया गया है तथा तेल एवं गैस के भंडार की खोज के मकसद से मिशन मोड में काम हो रहा है।
उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि ‘नेशनल डीपवाटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ शुरू किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने ‘क्रिटिकल मिनरल’ के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी खोज के लिए ‘नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन’ के तहत 1200 से अधिक स्थानों पर काम शुरू किया गया है।
प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में ‘मिशन मोड’ में काम किया जा रहा है और भारत में निर्मित चिप इस साल के अंत तक बाजार में उपलब्ध होंगी।
मोदी ने भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को आकार देने में महिलाओं के बढ़ते योगदान को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘आज हर क्षेत्र हमारी नारी शक्ति की ताकत को गर्व से स्वीकार करता है।’’
उन्होंने कहा कि महिलाएं न केवल उभरती अर्थव्यवस्था की लाभार्थी हैं, बल्कि इसकी गति की प्रमुख चालक भी हैं।
उनका कहना था कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ‘‘कमाल कर रहे हैं’’ और वे हाशिए से निकलकर अब उद्यमिता और निर्यात की अग्रणी ताकत बन गए हैं।
मोदी ने कहा कि जहां एक ओर दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंतित है, वहीं भारत ने गैर-जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों से अपनी कुल स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही हासिल कर लिया है।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश को हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र पर गर्व है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आ गए हैं... आने वाले दिनों में वह भारत लौट आएंगे।’’
मोदी ने देश में पिछले दिनों हुईं भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रकृति हम सभी की परीक्षा ले रही है।
प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 साल पूरा होने का उल्लेख किया और कहा कि इस संगठन की राष्ट्रसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है और यह प्रेरणा देता रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी का पर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व का है, गौरव का पर्व है और हृदय उमंग से भरा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश एकता की भावना को निरंतर मजबूती दे रहा है। 140 करोड़ देशवासी तिरंगे के रंग में रंगे हैं।’’
मोदी ने कहा कि भारत का संविधान 75 वर्ष से प्रकाश स्तंभ बनकर देश को मार्ग दिखाता रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान के निर्माण में राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहर लाल नेहरू, संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की दीवार गिराकर ‘एक देश, एक संविधान’ के मंत्र को साकार किया गया तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी को यह एक श्रद्धांजलि थी।
भाषा हक वैभव हक