भाजपा ने एचपीपीसीएल के अभियंता की मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग की
प्रीति देवेंद्र
- 21 Mar 2025, 08:27 PM
- Updated: 08:27 PM
शिमला, 21 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश इकाई ने राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराये जाने की शुक्रवार को मांग की।
भाजपा हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के पिछले दो साल के कामकाज की जांच और उक्त मामले की प्राथमिकी में एक अन्य आईएएस अधिकारी का नाम भी शामिल करने की भी मांग कर रही है।
नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और मंगलवार को बिलासपुर में उनका शव मिला था।
भाखड़ा बांध शाहतलाई में धनीपाखर के पास कुछ मछुआरों ने पानी में सोमवार शाम को एक शव देखा था और अगले दिन पुलिस को इसकी जानकारी दी थी। जेब में मिले पहचान पत्र से नेगी की पहचान हो पाई थी।
नेगी की पत्नी ने दावा किया है कि यह "आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या" है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति पर दबाव डाला गया, उन्हें छुट्टियां नहीं दी गईं, उनके अस्वस्थ होने के बाद भी उन्हें परेशान किया गया तथा उनका रक्तचाप अस्थिर हो गया था।
नेगी के परिजनों ने बुधवार को शिमला स्थित एचपीपीसीएल कार्यालय पर धरना भी दिया। इस दौरान उन्होंने वहां पर शव भी रखा था।
भाजपा ने इस मामले के संबंध में अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला को बुधवार को एक ज्ञापन सौंपा।
हिमाचल विधानसभा में विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने जांच का जिम्मा अतिरिक्त मुख्य सचिव (आईएएस अधिकारी) को सौंपा है और उन्होंने आश्चर्य जताया कि वह एक अन्य आईएएस अधिकारी के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे कर सकते हैं।
ठाकुर ने कहा कि नेगी के परिजनों ने आरोप लगाया था कि एचपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और निदेशक (विद्युत) देश राज ने नेगी पर ‘‘गलत काम’’ करने के लिए दबाव डाला था, लेकिन इस आरोप के बावजूद दोनों का नाम प्राथमिकी में शामिल नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि दोनों अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए तथा दूसरे अधिकारी के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
नेगी का शव मिलने के बाद से मीणा का तबादला कर दिया गया है और देश राज को निलंबित कर दिया गया है।
नेगी की पत्नी की शिकायत के आधार पर न्यू शिमला पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 3 (5) (संयुक्त आपराधिक जवाबदेही) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भाषा
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