उम्मीद है कि योगासन को ओलंपिक खेल के रूप में देखेंगे : खेलमंत्री मांडविया
मोना नमिता
- 25 Apr 2025, 06:50 PM
- Updated: 06:50 PM
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) योग को विश्व के लिये भारत का उपहार बताते हुए खेलमंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि दुनिया में जिस तरह से योग का प्रचार हो रहा है , उम्मीद है कि जल्दी ही योगासन को ओलंपिक खेल के रूप में देखेंगे ।
यहां दूसरी एशियाई योगासन चैम्पियनशिप के उद्घाटन के मौके पर मांडविया ने कहा ,‘‘ योग विश्व के लिये भारत का बहुत बड़ा उपहार है । हम भाग्यशाली है कि हमें विरासत में योग मिला और योग से ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ निकला जो हमारा संस्कार है ।’’
उन्होंने विश्व योगासन के अध्यक्ष स्वामी रामदेव से दुनिया के विभिन्न देशों में योग महासंघ के गठन का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इससे योगासन को ओलंपिक खेल का दर्जा मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा ।
उन्होंने कहा ,‘‘ दुनिया में आज जिस तरह से योग प्रचारित हो रहा है । मैं स्वामी रामदेव से अनुरोध करूंगा कि अगर दुनिया भर में अपने अपने देश में योग महासंघ का गठन हो जायेगा तो हम जल्दी ही योगासन को ओलंपिक खेल के रूप में देखेंगे ।’’
मांडविया ने कहा ,‘‘ ओलंपिक में योगासन में पदक चाहे कोई भी जीते लेकिन श्रेय भारत का रहेगा ।’’
भारत सरकार ने दिसंबर 2020 में योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता दी थी । उत्तराखंड में इस साल की शुरूआत में हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों में इसे पदक खेल के रूप में शामिल किया गया जबकि पहले यह नुमाइशी खेल ही था ।
एशियाई योगासन चैम्पियनशिप को इस दिशा में मजबूत कदम माना जा रहा है । योगासन भारत द्वारा खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के सहयोग 25 से 27 अप्रैल तक इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में दूसरी एशियाई योगासन खेल चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है ।
इस प्रतियोगिता में 17 एशियाई देशों के कुल 170 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं । यह चैंपियनशिप चार आयु वर्ग 10 से 18, 18 से 28, 28 से 35 और 35 से 45 वर्ष में आयोजित की जा रही है ।
चैंपियनशिप का पहला सत्र 2022 में थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित किया गया था।
खेलमंत्री मांडविया ने कहा,‘‘ वर्तमान समय में हम जिस विज्ञान, स्वास्थ्य का इस्तेमाल कर रहे हैं , अगर उसकी पृष्ठभूमि में देखें तो हमारे ऋषि मुनियों का ज्ञान है । हम चरक और सुश्रुत के देश से हैं और योग हमारा संस्कार, जीवनशैली और संपूर्ण स्वास्थ्य है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हमारे लिये स्वास्थ्य सेवा है , उद्योग नहीं । मुझे बताया गया कि योग दुनिया में कई मिलियन डॉलर का उद्योग हो गया है लेकिन हमने कभी स्वास्थ्य को उद्योग के रूप में नहीं देखा । यही हमारा संस्कार है, स्वभाव है और जीवनशैली है । इसी को अपनाते हुए हमें विकसित भारत, समृद्ध भारत और स्वस्थ भारत बनाने के लिये आगे बढना है ।’’
खेल राज्य मंत्री रक्षा खड़से ने कहा कि योग को अब एशियाई स्तर से आगे ले जाने का समय है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ योग हमारे देश की परंपरा रही है और यहां एशिया भर से कई देश और खिलाड़ी चैम्पियनशिप में भाग ले रहे हैं । अब इसे एशियाई स्तर तक सीमित नहीं रखकर ओलंपिक में ले जाने की कोशिश करेंगे ।’’
भाषा
मोना