फिटजी ने विद्यार्थियों और अभिभावकों से लिए गए शुल्क का ‘‘गबन’’ किया : ईडी
आशीष राजकुमार
- 26 Apr 2025, 06:04 PM
- Updated: 06:04 PM
नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को आरोप लगाया कि फिटजी कोचिंग संस्थान ने हजारों विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से 200 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क एकत्र किए, लेकिन शैक्षणिक सेवा प्रदान नहीं की, जो गंभीर वित्तीय अनियमितता और धन की हेराफेरी का संकेत है।
संघीय जांच एजेंसी (ईडी) ने एक बयान में कहा कि उसने धनशोधन जांच के तहत 24 अप्रैल को फिटजी के निदेशक डी के गोयल, कंपनी के अन्य अधिकारियों और उनके कार्यालयों सहित परिसरों में छापेमारी की, जिसमें उसने 10 लाख रुपये नकद, 4.89 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए। यह छापेमारी नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम में सात परिसरों में की गई।
ईडी के आरोपों के संबंध में फिटजी या इसके प्रवर्तकों से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं हो पाया है।
धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज ईडी का यह मामला नोएडा, लखनऊ, दिल्ली, भोपाल और कुछ अन्य शहरों में विद्यार्थियों और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के अभिभावकों द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई कई प्राथमिकियों पर आधारित है।
इन प्राथमिकियों में आरोप लगाया गया है कि फिटजी के वरिष्ठ प्रबंधन ने गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने के बहाने विद्यार्थियों और अभिभावकों से ‘‘पर्याप्त’’ शुल्क वसूला, लेकिन वादा के अनुरूप शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने में विफल रहा एवं ‘‘बड़े पैमाने पर’’ वित्तीय धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और शैक्षिक कदाचार में लिप्त रहा।
ईडी की जांच में पाया गया कि फिटजी ने 2025-26 और 2028-29 के बीच चार शैक्षणिक सत्रों के लिए कुल 14,411 विद्यार्थियों से लगभग 250.2 करोड़ रुपये बतौर शुल्क वसूले। ईडी ने कहा, ‘‘फिटजी ने मौजूदा बैच के विद्यार्थियों से शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने के बहाने बड़ी रकम एकत्र की, जो अंततः प्रदान नहीं की गई।’’
ईडी ने कहा कि धन का निजी और अनधिकृत इस्तेमाल किया गया तथा शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया। परिणामस्वरूप मुबई और दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, नोएडा, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत कई जगहों पर 32 कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गए, जिससे लगभग 15,000 विद्यार्थियों और अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एजेंसी ने कहा कि उसने तलाशी के दौरान ‘‘अभियोजनयोग्य’’ दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए, जिनसे ‘‘गंभीर’’ वित्तीय अनियमितताओं का संकेत मिलता है तथा इन सामग्रियों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि धन की ‘‘हेराफेरी’’ करने की एक ‘‘व्यवस्थित’’ योजना बनाई गई थी।
भाषा आशीष