रायपुर-विशाखापट्नम भारतमाला परियोजना में ठगी कर मुआवजा राशि हड़पने के आरोप में चार गिरफ्तार
संजीव शोभना
- 26 Apr 2025, 09:41 PM
- Updated: 09:41 PM
रायपुर, 26 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रायपुर-विशाखापट्नम भारतमाला परियोजना में ठगी कर मुआवजा राशि हड़पने के आरोप में एक दंपती समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि रायपुर-विशाखापट्नम भारतमाला परियोजना में ठगी कर मुआवजा राशि हड़पने के आरोप में ईओडब्ल्यू ने उमा तिवारी, उसके पति केदार तिवारी, हरमीत सिंह खनूजा और विजय जैन को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने बताया कि रायपुर-विशाखापट्नम भारतमाला परियोजना में 2020 से 2024 के दौरान भू अर्जन प्रक्रिया के दौरान लोक सेवकों, मुआवजा प्राप्त करने वाले व्यक्ति और अन्य व्यक्तियों ने आपराधिक षड्यंत्र कर शासन को 48 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान पहुंचाया।
अधिकारियों ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद ईओडब्ल्यू ने इस महीने की 23 तारीख को रायपुर जिले के अभनपुर क्षेत्र के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) निर्भय साहू, पटवारी दिनेश पटेल, राजस्व निरीक्षक रोशन लाल वर्मा, अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, पटवारी जितेंद्र साहू, बंसती धृतलहरे, गोबरा नवापारा के तत्कालीन नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद, पटवारी लेखराम देवांगन और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
उन्होंने बताया कि आरोपियों पर भारतमाला परियोजना के भू-अर्जन प्रकरण में शासन द्वारा अर्जित भूमि को फिर से शासन को विक्रय कर मुआवजा देने, भूमि स्वामी के बदले किसी अन्य को मुआवजा देने, निजी भूमि का गलत मुआवजा देने तथा उसके टुकड़े कर उपखण्डों में विभाजित कर मुआवजा राशि हड़पने का आरोप है।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को राज्य के रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बिलासपुर जिले में 20 स्थानों पर छापा मारा था। इस कार्रवाई में ईओडब्ल्यू ने निर्भय कुमार साहू, जितेन्द्र कुमार साहू, दिनेश पटेल, योगेश कुमार देवांगन, शशिकांत कुर्रे, लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद किरण, बसंती धृतलहरे, रोशन लाल वर्मा, हरमीत सिंह खनूजा, उमा तिवारी, विजय जैन, दशमेश इन्ट्रावेंचर प्राईवेट लिमिटेड, हृदय लाल गिलहरे और विनय कुमार गांधी के परिसरों की तलाशी ली थी।
उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान जांच एजेंसी ने आरोपियों के निवास स्थानों और अन्य जगहों से प्रकरण के संबंध में महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कई बैंक अकाउंट और निवेश से संबंधित दस्तावेज बरामद किया था। दस्तावेजों का विश्लेषण किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि छापे की कार्रवाई के बाद आरोपियों से पूछताछ कर पति-पत्नी उमा तिवारी और केदार तिवारी को दूसरे व्यक्ति की मुआवजा राशि दो करोड़ रुपए अवैध तरीके से प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रकरण के आरोपी हरमीत सिंह खनूजा को उमा तिवारी के सहयोगी के रूप में अधिग्रहण का पैसा अवैध तरीके से प्राप्त करने तथा कई किसानों की मुआवजा राशि हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वहीं अन्य आरोपी व्यापारी विजय जैन को उमा तिवारी के सहयोगी के रूप में अधिग्रहण का पैसा अवैध तरीके से प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार उन्हें रायपुर में विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) में पेश किया गया तथा पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में अब तक राज्य शासन द्वारा पांच गावों के जमीन के संबंध में दिये गए रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि गलत और अधिक मुआवजा राशि प्रदान करने के कारण शासन को 48 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक हानि हुई है। बहुत से अधिग्रहित गांवों के जमीनों और खसरों के संबंध में शासन द्वारा रिपोर्ट प्राप्त होना शेष है, जिसके कारण शासन को आर्थिक क्षति की राशि और भी बढ़ने की संभावना है।
भाषा संजीव