दीघा का जगन्नाथ मंदिर भारत का गर्व: ममता बनर्जी
राखी सुरेश
- 30 Apr 2025, 01:08 AM
- Updated: 01:08 AM
दीघा (पश्चिम बंगाल), 29 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में समुद्र तट पर स्थित पर्यटन शहर दीघा में नवनिर्मित ‘जगन्नाथधाम’ का बुधवार को ‘अक्षय तृतीया' के अवसर पर उद्घाटन किया जाएगा। यह मंदिर पुरी स्थित 12वीं सदी के मंदिर की प्रतिकृति है।
मंदिर का निर्माण करीब 24 एकड़ भूमि पर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाई गई लाल बलुआ पत्थरों से हुआ है। इसे पुरी के 12वीं सदी के ऐतिहासिक मंदिर की प्रतिकृति बताया गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को यहां ‘महायज्ञ’ में भाग लेते हुए कहा कि यह मंदिर भारत का गर्व है। उन्होंने पुजारियों से कहा कि उनका गोत्र ‘मा-माटी-मानुष’ है।
उन्होंने कहा, “धर्म दिल से देखा जाता है, यह विश्वास, प्रेम और आस्था का विषय है। पुरी, इस्कॉन, बेलूर मठ, दक्षिणेश्वर, आदि स्थानों से श्रद्धालु इसमें शामिल हुए हैं।”
बनर्जी ने खुद आरती की और ‘ध्वज’ अर्पित किया। पुरी से आए तीन पुजारियों ने मंदिर के शिखर पर ध्वज चढ़ाया।
अधिकारियों के अनुसार, मंदिर के निर्माण में लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत आई है और इसे 'हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन' ने विकसित किया है। मंदिर का संचालन इस्कॉन के द्वारा किया जाएगा।
बुधवार को मुख्य कार्यक्रम दोपहर ढाई बजे से शुरू होगा और उसके बाद 'द्वार उद्घाटन' और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
पुरी मंदिर से आए 57 भक्तों और इस्कॉन के 17 साधुओं ने मंगलवार को हुए ‘महायज्ञ’ में भाग लिया। इसमें 100 क्विंटल आम और बेल की लकड़ियों और दो क्विंटल घी का प्रयोग हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मंदिर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का केंद्र बनेगा और इसके बाद दीघा में हर साल पुरी की तर्ज पर रथयात्रा निकाली जाएगी। पहली रथयात्रा जून में होने की संभावना है। इसके लिए तीन रथ पहले ही तैयार किए जा चुके हैं।
इस बीच ओडिशा के पुरी स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों के दो प्रमुख संघों ने मंगलवार को अपने सदस्यों से पश्चिम बंगाल के दीघा में नवनिर्मित मंदिर के उद्घाटन अनुष्ठानों में भाग नहीं लेने को कहा है।
भाषा राखी