जल विवाद: पंजाब सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया
राखी पवनेश
- 01 May 2025, 10:27 PM
- Updated: 10:27 PM
चंडीगढ़, एक मई (भाषा) हरियाणा के साथ जल बंटवारे पर विवाद के बीच पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने राज्य के जल संसाधनों की "सुरक्षा" पर चर्चा और इस संबंध में कदम उठाने को लेकर सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का निर्णय लिया।
सत्तारूढ दल ने इसके साथ शुक्रवार सुबह इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।
ये निर्णय आप के मंत्रियों, विधायकों और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं की बैठक में लिए गए। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए।
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया क्योंकि ‘आप’ सरकार ने अपने भाजपा शासित पड़ोसी राज्य को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया।
पंजाब सरकार ने दावा किया कि पड़ोसी राज्य पहले ही अपने आवंटित हिस्से का 103 प्रतिशत पानी इस्तेमाल कर चुका है।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने पंजाब सरकार के अधिकारियों के कड़े प्रतिवाद के बावजूद हरियाणा को 8,500 क्यूसिक पानी देने का फैसला किया।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आप की पंजाब इकाई के प्रमुख अमन अरोड़ा ने भाजपा नीत केंद्र सरकार की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि वह पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों के साथ लगातार विश्वासघात और शोषण कर रही है।
अरोड़ा ने कहा कि बीबीएमबी में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले और भाखड़ा व पौंग बांधों से जल वितरण को नियंत्रित करने वाले पंजाब को अपने पानी को हरियाणा की ओर अनुचित तरीके से मोड़ने के प्रयासों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा, जिसे पहले से ही आवंटित 1,700 क्यूसेक के मुकाबले 4,700 क्यूसेक पानी मिल रहा है, अब पंजाब के उचित हिस्से की अतिरिक्त "चोरी" के प्रयास में है।
आप कार्यकर्ताओं ने बीबीएमबी के फैसले के विरोध में राज्य भर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के घरों और कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किए।
इस बीच, बीबीएमबी ने पंजाब कैडर के अधिकारी आकाशदीप सिंह को निदेशक (जल नियंत्रण) पद से हटाकर उनकी जगह हरियाणा कैडर के संजीव कुमार को नियुक्त किया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
भाषा राखी